Charitra Pramanpatra
तुम इस औरत की ही गालियां देते हो? कि भूल गए? क्या? गुस्से में? तुम इस औरत की ही गालियां देते हो? और बड़े शान से, बड़े शान से चौड़े हो? तुम? खुद को मातृ भक्त कहते हो? हर पल औरत का अपमान करने वालो। तुम खुद को इंसान कहते हो? किस हक से? किस हक से? तुम हमें चरित्र प्रमाण पत्र देते हो? किस हक से? तुम हमें चरित्र प्रमाण पत्र देते हो? तो ये हमारे समाज की ऐसी सच्चाई है। जो कई सालों से आशा करती हूँ। आपको ये लाइंस पसंद आई होगी? फिर मिलेंगे 1 नई सोच के साथ? 1 नई लाइंस के साथ।
Laxmi Dixit
@vicharnama · 4:14
हेलो? नमस्कार? मै आपने अपनी पोटी के थ्रू? 1 ऐसा ज्वलंत मुद्दा उठाया है? जो कि आज की सोसाइटी की कर्वी हकीकत है? रोज लाखों लड़कियों को इन चीजों का सामना करना पड़ता है? लेकिन ये चीजें समाज की यह मानसिकता इतनी गहरी जड़ें जमाई हुई है कि उसको उखाड़ कर फेंकना उसको चेंज करना लगभग नामुमकिन है। अगर कोई लड़की किसी लड़के से बात कर ले? तो रिश्ते नातेदार पड़ोसी। सारे उसे इस बात के लिए जज करते हैं कि वो लड़की तो कै? रेक्लेस? उसने लड़के से बात कर ली?