1 वो ही है? जो हमें अनजान समझ के दूर कर देते हैं। पर 1 वो ही है? जो हमें अनजान समझ के दूर कर देते हैं। दिल की बातें। ऐसे छुपा जाते हैं जैसे चुपचाप में अपने आंसू पी जाते हैं। थैंक यू सो? मच?
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 0:45
हेलो दीदी जी मैं हेमा सिन्हा। आज आपने बहुत सुन्दर कविता सुनाई है। बहुत अच्छा बोला है। आपने। बहुत अच्छे तरीके से अपनी फीलिंग को बताया है। और हम जिसे समझते हैं कि हम इनका दर्द दूर करेंगे। हम जिसे अपना समझते हैं वो हमें दूर कर देते हैं। बहुत ये बात। आज खैर सही सही है। आजकल सब जगह ही देखने को मिलता है। हम जिसे अपना समझते हैं वही हमें पराया समझने लगता है। बहुत अच्छा बोला। आपने आगे भी आशा करूंगी कि आप ऐसे ही अच्छे से अच्छे टॉपिक पर और खूब अच्छा बोलकर। हमें सुनाते रहिये धन्यवाद।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 1:12
नमस्कार? दीदी जी। काफी समय बाद आपसे मुलाकात हुई। परन्तु आपका स्पेल सुनकर। आज। मुझे काफी अच्छा लगा कि दर्द आपने जिस प्रकार शीर्षक दिया है उसी प्रकार आपने बहुत सुन्दर वर्णन किया है कि यदि नहीं बताया जाएगा तो किस प्रकार उस दर्द का कोई हल मिलेगा? और यही हर बार चुपचाप। हमें सह लेने से यह नहीं पता चलता कि हम कितने मजबूत हैं परन्तु यदि हमने इसे बांटा तो शायद हमारा मन हल्का हो। और हम आगे भी यह कार्य बड़ी?