मनाना जरूरी। तुमने समझा? नहीं मांगा था? साथ? तुम्हारा? क्या? इतना? सा? अपना? हक? नहीं? इश्क को बना? हमने खुदा लिए थे? कई फैसले। न पता था? कि अंजाम होगा? ऐसा? कभी? तुम भी होते? अपने? तो? अंजाम की परवाह? नहीं? तुम भी रूठे। हम भी। रूठे। रूठी। खुशियां? हमसे कई। थैंक? यू सो? मच।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:12
hi? deti? this is peter? really? like your spill। its very beautiful? and very beautiful? as your voice। please। do ki posting? like this? thank you? very much।
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 0:35
हेलो? अदितिम? मैं। हेमा सिना। आज। आपकी स्वेल पोस्ट पर। आपकी कविता सुनी। बहुत सुंदर। कविता बोली है। आपने। बहुत ही अच्छा लगा। आपके बोलने का अंदाज। बहुत प्यारा है। आपने शब्दों का चयन बहुत ही खूबसूरती के साथ किया है। और आगे भी। मैं आशा करूंगी कि आप ऐसी ही सुंदर से सुंदर। सुनाती रही। हमें कविताएं भी। और आगे से आगे। आगे। आप। अच्छे से अच्छा लिखें। आगे के लिए। आपको भी। बहुत बहुत शुभकामनाएं। धन्यवाद।
Swell Team
@Swell · 0:15
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:34
हेलो दीदी मैं सादी बोल रही हूँ। मैंने। अभी आपका सेल सुना। जिसका शीर्षक आपने रखा है। रूठे। हम। तुम। बहुत ही अच्छी कविता लिखी है। आपने। जैसा कि आपने कहा कि अपनी कविता में मनाना जरुरी नहीं समझा। दोनों लोग अगर रूठ जाए। 1 दूसरे को मनाना ही न चाहे तो वो रिश्ता। फिर कैसे आगे बढ़ सकता है? बहुत सुन्दर कविता थी। आपकी। मुझे। आपके लिए। पोयट्री। बहुत अच्छी लगी। बस। ऐसे ही आप लिखते। रहिये। हमें।
Priya Hansda
@priyahansdaoffi · 0:11
हेलो? अदिति? मैं प्रिया। आपकी। वॉयस? काफी सॉफ्ट है। आपने? काफी अच्छा? बोला। ऐसे ही? करते रहिये। ऐसे ही स्वेल पोस्ट कीजिये। काफी अच्छा लगा। ये सुन के।