@Adhoora
Satish Verma
@Adhoora · 1:20

अधूरा l Adhoora

article image placeholderUploaded by @Adhoora
कास में रबड़ होता? जहाँ हम घूमा करते थे, जहाँ बैठ बातें करते थे, हाथों में हाथे डाले, खुद को समाला करते थे, मिटा देता। उन सब। यादों को। कास में रबड़ होता। खुशियों से भरा होता। काश में रबड़ होता? खुशियों से भरा होता। दोस्तों आप बताइए आपको कविता कैसी लगी? और मैंने? ऐसी कुछ 8, 10 पोएम लिखी है। जो आपको डिस्क्रिप्शन में लिंक होगा। आप चाहे तो वहाँ से जाके पढ़ सकते हैं? कमेंट कर सकते है। और आपको आपका। धन्यवाद। ये कविता। आपने जो सुने।

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@TheDevilsHorse
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:23
हाई? सतीश? क्या? खूब? कही है? 1 छोटी सी चीज से सारी? यादें सब कुछ? मिटा देना? तो क्या ही। उस दिल में क्या बीती होगी? क्या ही घाव होंगे? क्या ही मंजर होगा? क्या पीड़ा होगी? क्या दुख होगा? यह सोचते हुए भी। इंग्लिश में कहते है? गूजबमसेरणनोटरूटती है? पूरे शरीर में। बहुत बेहतरीन। बहुत अच्छी। शुरुआत की। आपने। और मैं। आशा करता हूँ। ऐसे ही कुछ कुछ। पंक्तियां लेते। आयेंगे। तो? बहुत अच्छा रहेगा। और मिलते हैं। किसी और स्वेल में। बहुत प्यारा लिखा।
@Adhoora
Satish Verma
@Adhoora · 0:16

@TheDevilsHorse

थैंक यू सो मच। आदर जी आपको ये कविता पसंद आई उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। और मेरी कोशिश जारी रहेगी की मैं और भी अच्छी कविता स्वर पर लाता रहूँ जिससे आप सभी लोगो को पसंद आए। धन्यवाद। जी।
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