@Adhoora
Satish Verma
@Adhoora · 1:04

उजडा हुआ

article image placeholderUploaded by @Adhoora
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप? मैं? अधूरा आपके लिए। 1। कविता लाया हूँ। शायद आप लोगो को पसंद आये। कविता का शीर्षक है उजड़ा हुआ। उजड़ गया। गाँव ना रहा। अब। वो रंग। हवाएँ भी। बदली सी है। लग रहा है। शहर साब। जाने क्या हुआ? अब बंजर। सा। दिख रहा है। सब। चारो तरफ। हरियाली थी। अब। न रहा। कोई भी। संग। क्या? कहीं? विकास हुआ? पेड़ को। धोका। नाश हुआ। खुशबू थी हवाओं में। जो।

#poetry #Adhoora #Tree

@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 0:35
हाई सतीश जी। आपके स्वेल उजड़ा हुआ। सच। में। बहुत थॉट प्रोबोखिंग था। आप जिस तरह के दीप, मीनिंग, अपनी स्वेल से सबके साथ शेयर करने की कोशिश की। मुझे बहुत अच्छा लगा। और आप जिस तरह की कैबलवकैबलिटीयूज की और साथ ही साथ आपके इमोशंस जो आप पोर्टे करने की कोशिश की है। मुझे बहुत अच्छा लगा। तो ऐसे ही स्वेल्स करते रहिएगा। हमें भी ऐसी सोच, ऐसे सोच सोचने के लिए मजबूर कर दीजिएगा। बहुत बहुत धन्यवाद।
@Adhoora
Satish Verma
@Adhoora · 0:18

@challasrigouri

बहुत बहुत धन्यवाद। आपका। मुझे अच्छा लगा कि आपको ये पसंद आया और लोगों ने भी सुना और आगे भी। मैं ऐसी छोटी छोटी पंक्तियां, लाता? रहूँगा। और शायद वो को पसंद आये। धन्यवाद।
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