Nita Dani
@NitaDani555 · 2:27

हरियाली ही जीवन

जीवन रक्षक वृक्षों को मानव काट रहा, अटालिकाओं के लिए उर्वर भूमि पाट रहा, सहम गए पशुपक्षी सुरक्षों का लंदन, मौन हो गया उनका गुंजन तरुवर खड़े उपेक्षित ठूंठ से तरुवर खड़े उपेक्षित ठूंठ से पंछी व्याकुल बिन नीड के दूषित वायु, सासों को तरसा, जनजन दूषित वायु, सांसों को तरसा जनजन प्राणवायु बिन बीमार हुआ मानव जन मानव से कहता तरुवर, मानव से कहता तरुवर दया दृष्टि मुझ पर डालो सुख चैन मिलेगा, अनमोल वनस्पतियां पाओगे, हरियाली की चादर उठा कर मैं करता धरती का शृंगार मत कर मानव, दोहन प्रकृति का अनुपम, इसके उपहार व्यथा के शूल सहर लूंगा प्राण वायु देकर तुम्हें सारा गरल मैं पी लूंगा, ग्लोबल वार्मिंग दे रही संदेश, प्राकृतिक आपदाओं का है अंदेशा वृक्ष धरा पर, ईश्वर के सुंदर, वरदान वृक्ष धरा पर, ईश्वर के सुंदर वरदान प्रेम से, इनको सींचना, ये हैं सुखों की खान, धन्य धन्य हो तरुवर, तुम्हारा है अभिनंदन बिन तुम्हारे, अपूर्ण है सारा भूमंडल मानव, अपतू संभल जा मानव, अप्तूसंभलजा अपनी आँखें खोल पेड़ पौधों और पर्यावरण को अपना जान, ये संदेश है अनमोल धन्यवाद।

प्रकृति,वृक्ष ,दुषित वायु # हरियाली,गलोबल वार्मिंग ,वायु

Prashant Kumar
@smileypkt · 5:00
जब क्राइसिस आएगा तो हमको बहुत ही स्पष्टता के साथ यह देखना होगा कि मानव का भविष्य कहाँ पर सुरक्षित है और कहा पे असुरक्षित, क्योंकि आने वाली पीढियां हमसे सवाल। तो जरूर पूछेंगी कि जब ये सब हो रहा था तब आप क्या कर रहे थे? 1 स्टूडेंट होने के तौर पर मैं 1 गाँव में रहता हूँ और मैं अपने आस पास जब खेतों को देखता हूँ अभी के समय में और जिस जिस तरह के बदलाव में देख रहा हूँ खेती में, वो आने वाले समय के लिए बिल्कुल सही नहीं है। बहुत ज्यादा पेस्टीसाइड का प्रयोग, केमिकल्स का प्रयोग ताकि आपकी जो उपज है खेतों की वो बढ़ जाए सिर्फ। इस वजह से लोग कर रहे हैं।

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