Nita Dani
@NitaDani555 · 3:29

बाज़ारीकरण

बाजार में बाजार हो गया है। कल्पतरू जो करने लगा है। कायाकल्प जो चाहो वो पा लो, जो चाहो वो ले लो, सब कुछ तैयार। फेक्ट हमारी भावनाएं भी पेस्ट हो गई है। सुख 2, खुशी, गम सब पे जीवन शैली। प्रेजेंटेबल डिस्प्ले के लिए पे बाल भी उगने लगे हैं। सिर में खेती की तरह पारंपरिक खेल बंद जिम हो गया है। लोकप्रिय खेलों से जुड़े क्लब बन गए। गेम जोन में रोटी की जगह लोकप्रिय हुआ पिज्जा खुशियां आराम और बढ़िया लाइफस्टाइल के लिए लिया जाने लगा है। बैंक लोन लेकिन फिर भी सिमटता जा रहा है हमारा कंफर्ट जोन हवेली बंगले सिमट गए।

एहसास,डिसप्ले,पैक्ड # गेम जोन, कम्फ़र्ट जोन,कायाकल्प

Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:30
थैंक, यू, फॉर, शेयरिंग, दिस। जी हां सब कुछ एकदम बदल सा गया है। हमारा जीवन काफी कुछ सालों में काफी बदला है। बहुत सी ऐसी चीजें हो गई हैं जिससे कि जो हमारा जीवन है वो जीवन न होके। how to एक्सप्रेस मे सेफ जैसे 1 ट्रांजेक्शन लेवल पे बस ट्रांजेक्शंस की तरह रह गया है। thank you so much for sharing this havalovlydayboby।

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