Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:38

श्रीमद भगवद्गीता अध्याय ११

जिसके 1 अंश में अनंत कोटी ब्राह्मण व्याप्त है। तो भगवान कहते हैं हे पार्थ। तू मेरे 1 रूप को ही क्यों? मेरे सैकड़ों हजारों रुपये को देख? जो कि दिव्य हैं। अनेक प्रकार के हैं। मेरे इस शरीर के किसी भी 1 अंश में चराचर सहित संपूर्ण जगत को तू अभी देख? तो मेरे इस चरम चक्शु से मेरे को नहीं देख सकता। मैं तुझे दिव्य चक्शु देता हूं? जिससे तू मेरे इस ईश्वर संबंधी सामर्थ को देख पाएगा। ऐसा कहकर? महा? योगेश्वर?

#swell #geeta #jaishreekrishna #bhagwatgeeta #krishna

Prabha Iyer
@PSPV · 0:54
मतलब अच्छी तरह कमेंट लगायेंगे? क्योंकि अच्छा ही लगाना पड़ेगा? क्योंकि जो आप कह रहे हो वो पूरा सच है। वास्तविक रूप में। जो है घटा है वहीं उसी के बारे में आप दोहरा रहे हो? और अच्छा समझा रहे हो? जय श्री कृष्ण थैंक? यू?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:02
बहुत ही खूबसूरत की पोस्टिंग लाइक दिस।

0:00
0:00