Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:48
आया सावन झूम के
उठी, फूलों की क्यारी। महक। उठी फूलों की क्यारी। सुसर्जित हुई। वसुंधरा, प्यारी। वसुंधरा, प्यारी, हर ओर। गूंजे। बोल, बम का नारा। सृष्टि में। नौसिजनकेयहीआधारा। जय? शिव। शंकर, जय। महा देवा। जय शिव। शंकर, जय। महा देवा। मेग भी घुम कर। आये। घूमर। घूमर। बरस। पड़े झमाझम। झमाझम। देख में मयूर नीति कर रहा। मेढक पपीहा। बोल। उठे देख। मेग मयुर नीति कर रहा। मेढक पपीहा।
Urmila Verma
@urmi · 0:49
जागृति। जी। आपकी रचना। सुने आया। सावन। झूम के एकदम मन प्रसन्न हो। ठा। आपकी रचना। सुन के। आपने। वर्षा ऋतु का। बहुत ही सुंदर चित्रण की है। अपनी कविता में। कि किस तरह से पृथ्वी हरी भरी हो गई है। किसान खुश हैं। सभी प्रसन्न हैं। बादल उमड़ घुमड़ कर आ गए। क्यारियां फूलों से भर गई। पूरी प्रकृति का। अपने सुन्दर चित्रण किया है। बहुत अच्छा लगा। आपको। बहुत। बहुत शुभकामनाएं। ऐसे ही लिखते। रहिये। धन्यवाद।