Vedas & Sanatan Dharma - Episode - 1
तो मैं धीरज शर्मा जी से सबसे पहले यह पूछना चाहूँगा किधिरेनजी आपको कब और कैसे इस क्षेत्र में रुचि हुई और वो क्या चीजें थीं जिससे आप प्रेरित हुए, पर उससे पहले आपको आपके ही नजरिए से समझने के लिए यह जरूरी है कि समझें कि आपका बचपन कहाँ गुजरा, कैसे गुजरा और आपने क्या पढाई लिखाई के क्षेत्र में कार्य किया और इसके साथ ही मैं आपका 1 बार फिर स्वागत करता हूँ धन्यवाद। alaltaccaकेकaकa।
dr सा है वो है कि आप स्कूल scul जिसकी वजह से आपका इंट्रेस्ट जो आकिोलॉजीमें डेवलप हुआ और फिर वह जर्नी आपने जब शुरू करी तो कैसी थी और आज जब हम 20, 25 साल के बाद उसको आज देखते हैं तो ये जर्नी आपकी कैसी रही थोड़ा इसके बारे में बताइए।
कैसे? 1 पत्थर में प्राण डाले जा सकते हैं। कई चमत्कार आज आप देखेंगे। बहुत सारे ऐसे चमत्कार है कि किसी व्यक्ति ने उसको छुआ और वो ठीक हो गया। तो ये जो सारी चीजें हैं, इन से कहीं न कहीं मुझे ये लगा कि यार इसको जानना चाहिए। क्योंकि विज्ञान का विद्यार्थी होने के नाते हमने ये देखा कि विज्ञान के पास ठोस कारण होते है। तो उसी दौरान में हमें कई इस तरीके के आज जिन्हें हम अभिलेख कहते हैं। पहले लोग उसको वीजा कहते थे कि भाई, इसमें यह लिखा है कि जैसा हो जाएगा, वैसा हो जाएगा।
hot sun vedo li a vedo eshwar warning ro ro हे इस देव्य शक्ति से वो लिखे गए हैं। तो इसमें कितनी सच्चाई है और और ये बात हम किन फैक्ट्स के बेसिस पे कहते है तो थोड़ा सा इसका कोई साइंटिफिक अगर हम तरीके से अगर इस सवाल के जवाब की तरफ मुड़े। यह तो हमें पता है कि हजारों साल पहले वेदों को लिखा गया है, लेकिन किस तरीके से हम इसको सैंटिफिकली इस बात को समझ सकते हैं। तो थोड़ा उसपे आप प्रकाश डाल पाएं तो बहुत अच्छा होगा।
अब इनकी वैज्ञानिकता की बात करेंगे तो हमारे रिटेन में, या जिनमें जो सुर्खियां परंपरा से निकल के आती हैं, उनमें ये सारी बातें हैं कि वो पूरे मानव कल्याण की बात करते है, है शुरुआत से करते हैं कि जब पृथ्वी पर कुछ नहीं था, सत भी नहीं, असत भी नहीं, ये सारी बातें हैं, ये वेद की मूलभूत बातें हैं। अब वेद में यदि हम 1 और देखें प्रमाणों के आधार पर, तो उनकी जो भाषा शैली है, जो ज्ञान है, वो अलग अलग समय पर परिचित और परिवर्तित होता रहा है।
Swell Team
@Swell · 0:15
तो क्योंकि ये जिज्ञासा काफी लोगों में रहती है कि कैसे सनातन धर्म की शुरुआत हुई या वेदों की पहले शुरुआत हुई तब सनातन धर्म उससे बना या सनातन धर्म के अंदर चलते चलते वेदों पर वेद लिखे गए और फिर अगर हम बात करें तो इसमें आगे पुरानों की भी बातें हैं और और भी जो उसके दूसरे पहलू है तो उनको हम उपनिषद है जैसे तो उनको हम बाद में बात करेंगे पर अभी यही समझते हैं कि वेद और सनातन धर्म में क्या संबंध स्थापित होता है।
आप अगर हमें बताएंगे तो हम उन पर जरूर चर्चा भी करेंगे और उसपे कोशिश करेंगे कि 1 परिदृश्य जो कि आज के सामाजिक में या आज के हमारे माहौल में जो उसका 1 प्रारूप सही होगा वो प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे इसी के साथ आप सभी का धन्यवाद, नमस्कार, मैं, हूँ, आपका दोस्त और मित्र विवेक और आज पहले एपिसोड में हमारे साथ थे धीरेज। शर्मा जी, शर्मा जी, बहुत बहुत धन्यवाद।
और ईश्वरी कुछ कृपा ऐसी थी जिसके कारण मुझे शुरू से ही चारों धाम यात्रा करने का मौका मिला, कुंभ करने का मौका मिला तो सारी ईश्वरी महत्ता के कारण ही इशारा हो पाया इतना ही बात करना चाहूँगा और आगे प्रश्नों की बात करते हैं। यदि आपको और कोई प्रश्न है।