@Vipin0124
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 2:12

तुम रागिनी हो मेरी……

article image placeholderUploaded by @Vipin0124
छटा। तुम चांद की चांदनी। तुम जुगनुओं से टिमटिमाती। तुम रागिनी हो। मेरी। तुम। आंगन लीपती। तुम्ही पनघट से पानी भरकर लाती। तुम पक्षियों को दाना खिलाती और तुम्ही पशुओं को पानी पिलाती। तुम रागिनी हो मेरी, तुम ही होली। हो तुम्ही दिवाली। तुम्ही दशहरा। तुम्ही नवरात्री हो, मेरी। तुम रागिनी हो। मेरी। तुम्ही प्रेम हो, तुम्ही क्लेश हो, तुम ही यौवन हो, तुम्ही प्रौड़ हो तुम।

#swellcast #collegevoiceofindia #poetsofswell #vipin0124 #jeevansangini #ragini #hindikavita #poet #writer

@khan_tayyab1
Khan tayyab Khan
@khan_tayyab1 · 0:51
आदाब। विपिन जी। आपकी कविता सुनी। बहुत अच्छी कविता लगी। बहुत अच्छे। अल्फाज। आपने इस्तेमाल किए। तुम्ही मेरी रागनी। तुम्ही मेरी चाननी। इसी परिपेक्ष में। मुझे 1 शेर याद आ गया। इसी विचार से मिलता जुलता विचार। उस शेर में भी है कि तुम अगर मुझको मिल जाओ, तुम अगर मुझको मिल जाओ तो जमाना गरीब हो जाए? तो जमाना गरीब हो जाए। बहुत अच्छी कविता आपकी लगी। ऐसे ही लिखती रही हैं। और हम आपकी इन कविताओं को सुनते रहें। धन्यवाद।
0:00
0:00