तुम्हारी। तस्वीर। देखकर। तस्वीर। तुम्हारी बस? भाव्य? मन में आता है? तुम। मेरी प्रेरणा हो, तुम ही मेरा अभिमान हो, तुमसे ही मिलता। मुझे। सम्मान है। तुम। हर पल मेरे साथ हो, हर उतार। चढ़ाव में। मेरा हाथ थाम लेती हो? हाँ? जानता हूँ। अब तुम मेरे पास नहीं हो, किन्तु तुम आत्मा में, तुम प्राण में समायी हो? नश्वर? इस ब्रह्मांड में। न सही? तुम मेरे अंग अंग में, मेरे सानिध्य में समाई हो? जब। जब देखते हूँ हो तस्वीर। तुम्हारी। तुम हमेशा साथ खड़ी नजर आई हो? हाँ? प्रिये। आज तुम? नहीं हो? साथ? बस? तुम्हारी। तस्वीर। है? जो अब तक साथ निभाती आई है? बहुत बहुत धन्यवाद। आप सभी को सुनने के लिए। कृपया अपनी प्रतक्रिया अवश्य व्यक्त कीजिएगा।
बहुत खूबसूरत आपकी आवाज है और आपने जो पंक्तियां लिखी हैं वो भी बहुत बहुत ही खूबसूरत तरीके से आपने लिखा है ऐसे लिखते रहिये ऑल द बेस्ट।