और बचपन की शरारतों में। जब याद आए। वो बचपन की लड़ाइयां। तो आवाजें खास होती हैं। जब आँखें बंद कर ले? तो कभी उस आसमां के नीचे। और सुनो उन पत्तों की हवा से बातें। जब सुनो। कभी बादलों के आने की हुंकार? और बारिश की। बूंदों की। धुन की आवाजें। जब समझाएंगे। किसी गलती को सुधारने के तरीके। जब सुनाए। जिंदगी संवारने के तरीके। जब कोई सुनाए अपने बचपन के किस्से, कहानी में लिपटे वो जिंदगी जीने के सलीके। तो आवाजें खास होती है।