@TheDevilsHorse
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 11:00

Ek Kahani - Meri Zindagi Ke Ansune Kisse - Episode 11 | "एक कहानी - मेरी जिन्दगी के अंसूने किस्से - एपिसोड 11 |

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दृष्टिकोण है। व्यू प्वाइंट है। आपका क्या कहना है मुझे जरूर बताइएगा मुझे लगता है ऐसा कि जो ट्रेडिशनल फॉर्म ऑफ एजुकेशन है इसका आउटवर्ड और इनवर्ड होना बहुत जरूरी है। और ये फ्रेमवर्क को तोड़ना पड़ेगा और कुछ नया इजाद करना पड़ेगा जिसमें ज्ञान सिर्फ अंकों तक सीमित न हो ज्ञान का अंकों तक अंकों तक सीमित नहीं रखना चाहिए उसके बिन जाने की चेष्टा और सोच होनी चाहिए। आपको क्या लगता है मुझे जरूर रिप्लाई करके

#tellyourstory Kya Gyaan ko 100 Anko tak seemat rakhna sahi hai?

@kadambarigupta
Kadambari Gupta
@kadambarigupta · 2:35
तो ये चीजें सॉल्व करना बहुत जरुरी है। मुझे लगता है जो आपने बात कहीं वो हमारे एजुकेशन सिस्टम तक पहुंचने कौन पहुंचाएगा वो तो नहीं मैं कह सकती एंड बट मुझे लगता है कि मार्क्स। और उसमें कोई वो नहीं है। मेरे भी। कई टेस्ट में। मेरा मैट्स अच्छा नहीं था। मुझे नहीं। अच्छा लगता था। मैट्स। इसका मतलब यह नहीं कि मैं इंटेलीजेंट नहीं हूं है ना साइंस में अच्छी नहीं
@Gamechanger
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 1:41
हेलो? आदर्श? आपने बिल्कुल? ठीक? कहा कि अंकों से तो कुछ भी मेजर नहीं करना चाहिए। अंकों से आप किसी के बारे में कुछ भी अनुमान लगा ही नहीं सकते। मैंने देखा है कि जिन लोगों के मार्क्स स्कूल में मेरी क्लास में कम आते थे आज की डेट में वो सबसे ज्यादा कामयाब है। तो अंक तो कोई भी किसी भी तरह से आपके बारे में कुछ कह ही नहीं पाते हैं। तो दैट इज सो ट्रू? यू नो? एंड सो? वेरी इंट्रस्टिंग टॉपिक? आपने काफी इंटरस्टिंग टॉपिक के बारे में बात की है।
@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 1:11
हाय? आदेश जी। आपने बिल्कुल सही कहा? जिसे पहले से ही ताकत है। उसका क्या? इम्प्रूमेंट दिख रही है? कुछ भी नहीं है। और आजकल के जो भी पढाई है। ऐसा है। कि सिर्फ अंकों के लिए सीमित है। उसके उसके आगे कोई भी कुछ नई सोचने या समझने की कोशिश नहीं कर रहे है। जहां अंक खत्म हो जाती है। वह पढाई लर्निंग भी खत्म हो रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। और आपके एक्सपीरियंस से जो आपकी सोच थी। आप जिस तरह उसके बारे में सोच रहे थे। वो बिल्कुल अलग है। और आपने सही सोचा है?
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