खुद से ये बातें कर। और सफर जिंदगी का तय खुद ही कर। और सफर जिंदगी का तय खुद ही कर। भाग दौड़ भरी इस जीवन में। भागदरबढ़ी। इस जीवन में। कभी खुद से भी कुछ बातें कर। थैंक यू फॉर लिसनिंग। और रिप्लाई जरूर दीजिएगा। आपका, रिप्लाई का मुझे इंतजार रहता है? और रहेगा। थैंक यू सो मच।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:41
खुद की तलाश में। तो निकल? जब भी तू बिखर खुद की तलाश में। 2 नि? कल ही देखना? कैसे? छू? ले? या? तो? सफलता का शिखर? जब भी तो। बिखर। खुद की तलाश में। फिर? देखना। कैसे? चोदेगा? तू? सफलता का सीख। आपने। कविता। बहुत अच्छी लगी। आपने। सच ही तो कहा है? जिंदगी का? मतलब? पाना? और खोना है। क्या? पाया? और क्या? हो? या? इस पर? मंथन करना भी जरुरी है। ताकि।
Kabirsinh Rana
@kabiraa · 0:02
Lakshmi Soni
@Lakshmi.soni_14 · 1:33
नमस्कार? ज्योत्सना जी आई होप कि आप बिल्कुल स्वस्थ और मस्त होंगे। जिस प्रकार से आपने इस जीवन की भागदौड़ को मेंशन किया हुआ है। और सारे जितनी भी चीजें होती हैं। हम। जैसे लेट कर पाते है। हमारी लाइफ में। चल रही होती है। वो सारे ही पहलु। आपने यहाँ पर। कैच करके रखे हुए हैं। 1 भी पहलू नहीं छोड़ा है। हर चीज। जो 1 दूसरे से लेट करती है। दैट टोट्स? कनिगटुइचतरयू? आपने? वो, सारी, चीजें? जिंदगी भागदौड़ व्यस्तता। और 1 बिजी लाइफ जो होती है। जिसमें हम खुद को ही शर्त समय नहीं दे पाते हैं।