ह**ो? von गुड मैं जोसना आज आप लोगो के साथ अपनी जिस कविता को साझा कर रही हूँ वो स्त्रियों के ऊपर मैंने लिखी है। मेरी कविता की मेरी कविता का शीर्षक है। स्त्री की कथा। कविता की लाइने कुछ इस तरह से है 1 ओर मनाते हैं विमेन स्टेज, दूसरी ओर जलाते हैं होलिका। 1 ओर बनाते है विमिन स्टे, दूसरी ओर जलाते हैं होलिका। कब तक रिवाजों के नाम पर स्त्री का नमन करोगे? कब तक रिवाजों के नाम पर स्त्री का दमन करोगे?
SHREYA SAHA
@Angel3110 · 0:36
ज्योत्सना जी। आपने ये जिस तरह से नारी का शोषण, नारी के प्रति किए गए। अत्याचारों का ये जो आपने कविता में प्रस्तुत किया। मुझे बहुत अच्छा लगा। जिस तरह से सीता द्रोपति सती को आपने यहाँ पर प्रेजेंट किया। आई जस्ट लव डेट। आपके प्रेजेंटेशन। स्किल्स। बहुत अच्छी। आपकी। ये जो कविता है, इसकी रचना भी बहुत सुंदर है। मुझे सच्ची में दिल से बहुत अच्छा लगा। आप ऐसे ही लिखते जाइए। और हमें ऐसे ही सुनाते जाइए। हम और भी आपकी कविताओं का इंतजार करेंगे।
Akanshya Kajol
@AKA381 · 1:23
यह पहली बात मुझे बहुत अच्छी लगी। दूसरी बात आपकी जो रिसाइटेशन है बहुत ही ज्यादा अच्छा है। आप। और प्रैक्टिस कीजिये। बहुत इम्प्रूव होगा। और बहुत अच्छा पोयम है। में। बहुत रिलेट कर पाई हूं। आपके पोयम से। आप बहुत अच्छा लिख रही है। और मैं आशा करूंगी कि आपसे और ऐसी ही पोयम में। ऐसी ही कविता में सुनू धन्यवाद मैं।
Kushagra verma
@Kushagraverma · 0:50
नमस्ते। जोसना जी आपने बहुत अच्छा लिखा। सच में। नारी शक्ति चौकी पौराणिक काल से चली आ रही है और साथ ही साथ जल्दी आ रही है। मुझे आज तक समझ नहीं आया? क्योंकि हर नारी को क्यों सीता मैया की अपनी परीक्षा से तोला जाता है। मुझे आज तक समझ नहीं आया। और ऐसे बहुत से अन्य कहे जो सवाल रह जाते हैं जो आपने अपनी कविता में बखूबी पिरो दिए हैं? बहुत अच्छे से। और ये आपने बहुत अच्छा संदेश दिया है कि कुछ भी हो नारी को अपनी लड़ाई स्वयं ही लड़नी है। किसी और पर आश्रित होने की जरुरत ही नहीं है।
Swell Team
@Swell · 0:15
Amita Sharma
@Amita22Meet1234 · 2:40
जोत्सना जी। बहुत अच्छा आपने। नारी प्रधान रचना। पढ़ी। और बहुत ही भावपूर्ण रचना है। और सही बात है। आज की नारी जागरूक हो गई है। लेकिन अभी भी। नारी के नाम पर बहुत सारी खूब रखाएं चल रही हैं। जिनको की समा करना हम सब लोगों का, समाज के सभी लोगों का दायित्व बनता है। सही बात है। नारी हर कदम पर चली जाती है। कभी कोई किसी रूप में उसे चलता है? कभी किसी रूप में। चलता है। बहुत परिवर्तन आया है पहले अब में। लेकिन अभी भी हम शहरों में रहते हैं।