कोरोना बिमारी नहीं सिख है |
कोरोना? बीमारी नहीं? सीख है। प्रकृति को? गुदरत का भी है। 20 जुबानों की जुबान बनी कोरोना। इंसानियत पर अहसान बनी कोरोना। वो फिर से बोल उठे हैं। जो अब तक खामोश थे। वो फिर से उठ खड़े हैं। जो अब तक बेहोश थे। इस कोरोना ने हमें बहुत कुछ सिखाया। इंसान को इंसान का महत्व समझाया। लेकिन फिर भी प्रभु मानव ने अपनी जान गंवाई है? जिसकी भरपाई है। और न ही कुछ दुख का कोई दवाई है। दोषी?