मैंने हर मोड़ पर संघर्ष देखा है !!!!
आप सभी को मेरा नमस्कार। मैं। प्रतिष्ठा गुप्ता। अपनी 1 छोटी सी कविता के साथ। जिसका शीर्षक मैंने दिया है। मैंने हर मोड़ पर संघर्ष देखा है। बहुत सी राहों को। मैंने बनते बिगड़ते देखा है। सफलता से पहले। मैंने हर मोड़ पर संघर्ष देखा है। जी हां? सफलता से पहले। मैंने हर मोड़ पर संघर्ष देखा है। कहते हैं मेहनत से सब हासिल किया जा सकता है। मगर ऐसा होता न? तो कोई किसान भूखा नहीं होता? हर तरफ पैसों का का खेल नहीं होता।
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:02
ह**ो? प्रतिष्ठा जी? प्रतिशा जी के बोलने की जो शहरी है वो बहुत अच्छी है। आप। बहुत अच्छे तरह से पोटिकोसुनातीहै। 1 शब्द को। आपने जो कविता लिखी है कि मैंने हर मोड पर संखर्चरेकहाह सही बात है। मेहनत से। अगर हर चीज जो रहती है तो किसान आज भूखे नहीं सोचे? क्योंकि किसान से ज्यादा कोई मेहनत कर ही नहीं सकता है। और न तो कोई करता है। वो तो दिन रात 1 करते थे। फिर भी भूख? प्यास और बेबसी और लाचारी? उन्हीं के हिस्से। आती है। और संघर्ष?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:08
बहुत खूबसूरत स्वेल था। man and इसे सुन के मुझे बहुत ही अच्छा लगा। i posting? like this।