Meri kavita meri dadi ke naam
बिना घर काटने को? दौड़ता है? आप? क्यूँ? चले गए? हमें? छोड़ कर। अम्मा। आज 2 साल बीत गए। बिना आपके। आपके। बिना बिल्कुल। मन। नहीं लगता है। आपके। बिना हर कुछ। हर पल, हर सफर, हर खुशी। अधूरी सी लगती है। आज। 12 साल बीत गए। बिना आपके। आज 2 साल बीत गए। बिना आपके। really? मिसिंग। 2। सो? मच। थैंक यू।
ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 1:15
हेलो? mamरोहितकेयर? और सच कहूँ? तो आपकी करता थोड़ी भावुक कर देने वाली है। बहुत ही प्यारी परता लिखी है आपने। और 11 लाइन में। उसके भीतर छुपाव भाव स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। और सच कहूं? तो मैं इस कविता को अपने साथ रिलेट कर सकता हूं क्योंकि मैंने भी अभी चंद महीने पहले ही अपनी दारी खोई है और उनके बिना बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा। तो यह कविता पढ कर। मुझे उनकी याद आ गई की कितनी जल्दी छोड़ कर चली गई। और हर 1 लाइन जो आपने कहीं? उस लैंड को मैं भीतर ही भीतर महसूस कर पा रहा था।
हेलो? प्रतिष्ठा में कादमी। मुझे। आपकी कविता बहुत अच्छी लगी। और मैं आपकी भावनाओं से पूरी तरीके से सहमत हूं। पूरी तरीके से। मैं आपकी पोयम से रिलेट कर सकती हूँ, क्यों कि मैं भी अपनी दादी को खो चुकी हूं। 2014 में वो नहीं रही। और जिस तरह से आपने अपने विचार व्यक्त किए मुझे बहुत अच्छा लगा। और मैं यही कह सकती हूँ कि ऐसे लिखते रहिये और भगवान आपको आपकी भगवान करे। आपकी आप बहुत बड़ी कवित्री बने पर मुझे बहुत अच्छी लगी। आपकी कविता बहुत ही प्यारी।