दूर हुए संकट सारे अब मन प्रसन्न है 🙌🏻🚩
नमस्कार? आप सभी को मैं प्रज्ञा त्यारी? जो कि पूर्वांचल के 1 राज्य उडीसा से बिलोंग करती हूँ। क्यूंकी रथयात्रा का समय है? तो मैं आपको यहाँ की चहल पहल और भक्ति भाव से अवगत कराना। चाहूंगी। तो पंतियाँ कुछ इस प्रकार है की आँखों में सबके चमक है। आँखों में सबके चमक है। चेहरे पर मुस्कान है।
चीज मिलती है? और हाँ क्यूँकी मैं खाने पीने के बारे में बहुत रूचि रखता हूँ? उसी के बारे में भी बताता भी हूँ। और मैंने ये पहले शेयर भी किया था खाने के लिए। सो आप वहाँ के बारे में भी बता सकते हो। और मैं जरूर सुनना चाहूँगा। और जिस तरीके से आपने यहाँ पर बताया है बहुत ही अतुलनी। 1 कविता है और बहुत ही प्यारे तरीके से प्रसन्न मन को दर्शाया है। किस तरीके से संकट दूर हो सकते हैं? तो वो बहुत ही बढ़िया था। मैं कहूंगा? ऐसे ही आप बनाते रहिये और सुनते रहेंगे। धन्यवाद।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 0:56
हेलो प्रज्ञा। आपने ओडीशा के जगरनाथ यात्रा का वर्णन बहुत अच्छे से किया है। ओडिशा की यात्रा तो सारे संसार में प्रसिद्ध ही है। और जगन की बात ही गड़े। जगननाथ के बाद जग पर सारे। हाथ? ये कहावत भी है। और आपने सही कहा। उरिसा के कनकन में। भक्ति भाव? इस समय विधमान होगा। और वहाँ की मृतिशोदाहीहै। जब हम पुरी के गोल्डन बीच में रखते हैं तो ऐसा ही प्रतीत होता है। आपकी।
तो मैंने देखा था तो मेरा मन है काफी वहाँ उस टाइम पे आने का। 1 अलग ही चमक होती है। 1 अलग ही खुशनुमा। माहौल होता है कि भगवान जगननाथ अपने घर वापस आते हैं। और उससे पहले 1 शायद वो भी फेस होता है। मुझे अच्छे से पता नहीं लेकिन शायद ऐसा कुछ होता है कि भगवान जी की तबियत ठीक नहीं होती है तो वो कहीं और होते हैं। और वहाँ से जगननाथ जी के मंदिर लाया जाता है उन्हें। और यही रथ यात्रा होती है। जो की बहुत सारे लोग मिलकर करते हैं। और इसके और भी बहुत अच्छे अच्छे महत्व थे। बहुत अच्छी च्छी चीजें थी।