हेलो? एवरीवन? मैं? प्रज्ञा? तिवारी? आज? उपस्थित हूँ? अपनी कुछ नई पंतियाँ लेकर। तो आज हम बात करेंगे रिश्तों के बारे में। हाँ? वही रिश्ते? जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना भी। असंभव सी लगती है। रिश्ते? जिन्हें बनाना? तो आसान पर। मिटाना कठिन है? जिन्हें? आजमाना आसान पर। निभाना कठिन है? इन रिश्तों में? न? जख्म दे जाना। आसान पर। उन्हें भर? पाना।
मेरी तरफ से बहुत बहुत नमस्कार प्रज्ञा जी आपको आज आपने रिश्तों की बात की आपने बहुत अच्छी पंक्तियां जो है हमे सुनाई और हर 11 पंक्ति का जो है गहरा अर्थ है रिश्ते हमारी जिंदगी का 1 अनमोल हिस्सा जिन्हें बनाना तो आसान है लेकिन मिटाना कठिन है हम देखते हैं कि हमारी जिंदगी में कई लोग आते हैं और कई लोग छोड़ के चले भी जाते हैं तो उनके लिए ये रिश्तों की अहमियत समझना बहुत जरूरी है आजकल रिश्तों की अहमियत लोग न समझकर आ तो जाते हैं किसी के साथ थोड़ा वक्त बिताया और कुछ ही समय के बाद उनको ठीक नहीं लगता या उनको वो खुशी नहीं मिलती तो वो छोड़ के चले भी जाते हैं इस पर मेरा यही कहना है कि हमें जिंदगी में हर 1 चीज के लिए तैयार रहना चाहिए चाहे वो अच्छी हो चाहे बुरी कयूंकि जैसा हम सोचते हैं अक्सर वैसी जिंदगी हमारी चलती नहीं है उसके उल्टे ही कुछ होता है इसलिए जिंदगी में हर 1 चीज के लिए तैयार रहो जो इंसान आ रहा है ठीक है जो इंसान छोड़के भी जा रहा है तो उसको जाने 2 तो प्रज्ञा जी आपने बहुत ही अच्छी कविता आज लिखी जिसमें से मुझे 1 लाइन बहुत ही अच्छी लगी जो आपने लास्ट में कही इश्क भूल जाना आसान लेकिन निभाना कठिन है ऐसे बहुत ही कम लोग हैं आजकल जिनको रिश्तों की अहमियत की समझ है या जो बहुत ही अच्छे से रिश्ते निभा रहे हैं बाकी हम बहुत कोशिश भी करते हैं लेकिन जिसने जाना होता है उसने जाना ही है क्यूंकि उसका समय हमारी जिंदगी में उतना ही लिखा था और उसने अपना समय व्यतीत करके हमारी जिंदगी में वह चला गया जैसे आपने देखा होगा हम कोई भी दवाई या कोई भी चीज बाजार से लेते हैं तो उनकी एक्सपायरी डेट होती है वैसे ही लोगों को जो हमारी जिंदगी में आते हैं उनकी भी एक्सपायरी डेट है यहाँ पे दुनिया में हर 1 चीज टेम्पररी है और जो आया है उसको 1 दिन जाना ही जाना है इसलिए रिश्तों की हमियत समझे और रिश्तों को प्यार से स्मूदली चलाना सीखिए क्योंकि जख्म दे जाना आसान है लेकिन जखम को भरना ये शायद 1 इंसान के लिए बहुत ही कठिन हो इसलिए किसी को इतना जखम या इतना कष्ट नहीं पहुंचाएं कि वो आपको छोड़ के ही चले जाए हम अक्सर रिश्तों में कुछ कह तो देते हैं लेकिन वह निभा नहीं पाते इसलिए अपने आप को इतना स्पष्ट और बलवंत बनाएं कि आप हर 1 चीज के लिए जिंदगी में तैयार रहें और अच्छे से अच्छे रिश्ते बनाएं जो ज्यादा लंबे देर तक चले और आपके काम भी आएं तो मेरी तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञाजी आपको आपने ये विषय चुना और ऐसे ही लिखते रहिये और हमें सुनाते रहिये मेरी तरफ से 1 बार फिर से आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
नमस्कार प्रज्ञा दीदी? मैं नबोनिता? आपका। स्वेल। सुनकर। बहुत अच्छा लगा। आपने। जिस प्रकार से अपनी पंक्तियों में रिश्तों की अहमियत को समझाया है। मुझे सच में बहुत सुंदर लगा। तो मेरा यह मानना है कि रिश्ते न 1 मोतियों की माला जैसी होती है। उसको तोड़ना। बहुत आसान है। पर उसको वैसे ही जोड़। कर। रखना। बहुत मुश्किल। पर सबसे बड़ी बात क्या है कि अगर वो जुड़े रहे। न? वो मोती की माला? तभी सुन्दर लगेगी। 1 मोती सुन्दर है।