लिखे जो खत तुझे 📖❣️
हेलो? vरीवनमैजञातिवाली? और आज में आप सभी के सामने। फिर 1 बार हाजिर हूँ अपनी 1 नई कविता लेकर। जिसका नाम है लिखे। एक्च्वलीहुआकुछ। कुछ दिनों पहले। मुझे पुरानी डायरी। मिली में भी। वो मेरे किसी रिलेटिड की। और उस डायरी में उन्होंने अपने प्यार की दास्ता लिखी थी। वो सारे। एहसास। उनका उस समय का वो स्ट्रगल। और जैसे की उस समय फोन की उतनी सुविधा नहीं हुआ करती थी। लोग एस टी डी में जाकर बात करते थे। कॉल पे? और मोस्ट ऑफ द टाइम पे। लोग। 1 दूसरे को चिट्ठी लिखा करते थे।
तो आपने जो है अपनी पोइट्री। जो लिखी है। तो वो जो लास्ट लाइन। आपने। जैसे कहीं? शायद किस्मत में ही नहीं था? शायद किस्मत में ही नहीं था? आखिरी खत। और वही आखिरी एहसास। वही आखिरी खत। और वहीं आखिरी। अहसास। तो वो जो है वही जो लास्ट टाइम जो उन्होंने लिखा वो शायद रिलेशनशिप का जो है लास्ट मैकहोममोमेनट था। तो ऐसे ही जो है समय बदलता है। कई नई चीजें जो है जिंदगी में होती है कहीं पीछे छूटती है। और हम कई नई चीजों को जो है अपनाते हैं जिंदगी में।
हेलो प्रज्ञा जी। आप अच्छी होंगी। आपकी कविता लिखे। जो खत तुझे पुरानी यादों में ले गए। बहुत ही अच्छा। आपने बनाया खत के बारे में। पर सच में। वो अलग फीलिंग हुआ करती थी। हमें याद आ गया कि किस तरह से सब्र करते थे कि 1 लैटर लिखा है। किसी को? तो 3 दिन बाद 4 दिन बाद वो पहुंचता था। उसके बाद वो 12 दिन में उसका जवाब देते थे। और उसके बाद हमको 34 दिन बाद मिलता था। तो 8 से 10 दिन का। ये जो लंबा इंतजार होता था वो 1 अलग ही फीलिंग होती थी।
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:34
झगड़ा? हो गए? रूठना? मनाना? कुछ नहीं है। वो। वो फीलिंग? जो महीनो घंटो इंतजार होता था बातों के लिए। और आदि बातें ही रह जाती थी। आदि। बातों में। समय कब खत्म हो जाता था? खत? लिखते लिखते। फिर लगता था कि फिर कब? इस खत का जवाब? मिले? बेसब्री? जो रहती थीं वो एक्साइटमेंट आज कल नहीं है। और इसी लिए वो प्यार का मजा भी शायद नहीं है। बट। आपकी। जो कविता थी। बहुत ही अच्छी थी। लाइन लास्ट वाला। जो आपने कहा। वो खा।