रचना? पेश करती हूँ। नारी? धधकती। आग के। शोलों? सी। जलती है? तो तम को हरती है? ज्योति पुंज बन उजाला। वो करती। धरा। सी। शांत है। नारी? तो। मफ्ती फुलवारी सी है। नारी की चाहत है। बसंत? सा। खिलखिलाने की। चहकना। चाहती है। वो। पंछी सी। उड़ान भरने को। आतुर है। हौंसला। नारी। का। जमीन से आसमां तक। सिर पर। ताज। नुरानी। चेहरे पर। आभा रुहानी है। उसके। 1।