हर दम, नूरे, चश्म, तख्ते जिगर कहलाती हैं ये बेटियां। सास बहू की तकरार सुनते आए हैं। अब तक सास अगर मां बने तो बेटी बनके दिखाती हैं। बेटियां मां के ससुराल दोनों घरों को जन्नत की तरह सवारती हैं। बेटियां इन्हें कमजोर न समझो कठिन रास्तों पर चल कर अपनी शक्ति का लोहा मनवाती है। ये बेटियां। महिला आरक्षण प्राप्त कर संसद में पहुंच जाएंगे।