किसको आवाज दें पुकारे किसको किसको आवाज दें पुकारे किसको सब हैं अपने में मगन मतलब परस्ती के आलम में दरवाजे खुलते चांदी की खनक सुन। ये जमीन हौसला, उसे देती। आसमां की हद तक। जो जाए ये जमीन हौसला, उसे देती। आसमां की हद तक। जो जाए काट कर हर पहाड़ पथरीला अपनी राहें जो खुद बनाए हूँ
नमस्कार। नीता जी। आपकी। शायरी। बहुत अच्छी थी। बहुत अच्छा लगा। सुनकर। बिल्कुल। दिल को छू गयी। 11 शब्द। जैसे मैं महसूस कर पा रही थी। बहुत बहुत शुक्रिया। ऐसे लिखते रहिये सुनाते रहिये नमस्कार जय माता।