नन्द गोपाल दास
@NGD · 0:19
दुःखद स्मृतियों को भूलो
माना की किसी अपने ने ही तुम्हें चोट पहुंचायी है, तुम्हारा दिल दुखाया है, तो क्या तुम इसे लेकर मानसिक उधेड़बुन में लगे रहोगे? अरे भाई उन कष्टकारक अपने प्रसंगों को बुला। 2 उधर ध्यान न देकर। अच्छे शुभकर्मों में मन को केंद्रीभूत कर 2।