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घनघोर अंधेरा छाये जब, कोई राह नज़र आए जब

घनघोर अंधेरा छाये, जब कोई राह नजर न आए, जब कोई तुमको, फिर बहलाए, जब इस बात पे थोड़ी देर, तलक तुम आँखें अपनी बंद करना और अंतरमन की सुन लेना मुमकिन है हम तुम झूठ कहें मुमकिन है हम तुम झूठ कहें पर अंतर मन सच बोलेगा, जब लंभालम्भाआरीहो और गम खुशियों पे भारी हो, दिल मुश्किल में, जब पड़ जाए, कोई तीर सोच की अड़ जाए, तुम आँखें अपनी बंद करना और अंतरमन की सुन लेना, तुम आँखें अपनी बंद करना और अंतरमन की सुन लेना मुमकिन है हम तुम झूठ कहें पर अंतर मन सच बोलेगा, जब सच झूठ में फर्क न हो, जब गलत सही में घिर जाओ, तुम नजर में अपनी गिर जाओ, इस बात पर थोड़ी देर तलक तुम आँखें अपनी बंद करना और अंतरमन की सुन लेना मुमकिन है हम तुम झूठ कहें पर अंतर मन सच बोलेगा, पर अंतर मन सच बोलेगा ये जीवन 1 छाया है, दुख दर्द मुसीबत माया है, दुनिया की भीड़ में खोने लगो, तुम, खुद से दूर होने लगो, तुम आँखें अपनी बंद करना और अंतरमन की सुन लेना मुमकिन है हम तुम झूठ कहें पर अंतर मन सच बोलेगा मुमकिन है हम तुम झूठ कहें पर अंतर मन सच बोलेगा।
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