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@Nehakesaath · 2:31
*जीवन एक बांसुरी* *ओशो*
बस। थोड़ी सी उंगलियां भर साधने की बात है। थोड़ी सी साधना और विराट? उपलब्धि। न कुछ करने से ही अनंत आनंद का साम्राज्य मिल जाता है। मैं चाहता हूँ कि 11 हृदय में कह 2 कि अपनी बांसुरी को उठा। लो। समय भागा जा रहा है? देखना कहीं? गीत गाने का अवसर बीत न जाए, इसके पहले कि पर्दा गिरे। तुम्हें अपना जीवन गीत गा लेना चाहिए? बहुत बहुत शुक्रिया आप सभी का मुझे सुनने के लिए।
The Bookbot Theory
@Bookbot · 0:45
बहुत ही सुंदर कविता है। नेहा सुन के बहुत अच्छा लगा। मुझे ओशो की राइटिंग्स हमेशा से बहुत पसंद थी। ये पहली बार है जो मैंने उनकी राइटिंग हिंदी में सुनी है। या पढ़ी है? बट? डेप्थ? वोह है। एबसोलूटली। वो जिस तरह से बात करते थे वो जिस तरह से लिखते थे वो वो इतने चंद शब्दों में इतना कुछ कह जाते थे। और सालों तक आपको याद रह जाता है। वैसा था यह। थैंक यू सो। मच। फॉर शेयरिंग, सुन के बहुत अच्छा लगा। और 10 रिमाइंड मी। मुझे उनकी किताब फिर से उठा लेनी चाहिए। 1 बार पढ़ने के लिए।
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@Nehakesaath · 0:45
hello namrta? कैसे है? thank you so much? ke apne? mera? swelsonaandje? bilkul? आपने? she ha shoki ritingsherdyou? know great life? license? the inspires? you you? so much? in? life? तो कभी कभी पढ़ती हूँ? ये वाला। मुझे बहुत अच्छा लगा। जीवन की बांसुरी। तो मैंने सोचा की शेयर करूँ। सबके साथ में। एंड। मुझे दिल। से बहुत खुशी हुई कि आपने मेरा पोस्ट सुना और उस पर रिप्लाई किया। और अपने विचार इस पर रखे। थैंक? यू? सो?