Neelam Singh
@NEELAM · 4:50
Happy woman's day
भुमंसकिस्त्री 1 ऐसी शक्ति जिसे हमारा पुरुष प्रधान समाज हमेशा नकारता रहा है या उसे पीछे धकेलता रहा है पर आज समय बदल चुका है आज स्त्री सबसे लड़कर के स्वयं से लड़कर के आखिरकार उस मंजिल को पा चुकी है जहाँ वे खुद को साबित कर चुकी है कि 1 स्त्री 1 बहुत बड़ी शक्ति है वह शक्ति जो चट्टान की तरह है वह शक्ति जो कुछ भी कर सकती है वह शक्ति जो घर बाहर दोनों को बेहद ही सुंदर तरीके से संभाल सकती है आज उस महिला का समय आ गया है जिसकी पहले अवेलना होती थी जिसे कमजोर कहा जाता था पर वह कमजोर नहीं थी वह सिर्फ इस पुरुष प्रधान समाज से लड़ना नहीं चाहती थी क्योंकि वह इस पुरुष जाति की बेहद इज्जत करती थी सम्मान करती थी और और इस सम्मान को वह अपमान में नहीं बदलना चाहती थी परंतु जब उसे लगा कि उसे कमजोर समझा जा रहा है उसे पढ़ने नहीं दिया जा रहा है तब उसे मजबूरन अपने हक में आवाज उठानी पड़ी उसे खुद को साबित करना था उसे साबित करना था कि वह हर तरह से हर तरह से गुणी है निपूर्ण है और वह पुरुष से किसी भी प्रकार क* नहीं है और वह सब कुछ कर सकती है जैसे पहले 1 काम बंटा हुआ था कि पुरुष बाहर क*ाएगा और स्त्रियां घर का काम संभालेंगे परंतु स्त्री ने ये कहा यह चाहती कि वह भी बाहर काम कर सकती हैं और खुद को साबित करने की इसी जंग में कहीं न कहीं औरत यह मेरी पर्सनल राय है पिस भी रही हैं क्योंकि आज उन्हें घर भी संभालना होता है बाहर भी संभालना होता है जबकि पुरुषों के लिए सिर्फ 1 ही चीज दी गई थी कि वैसे सिर्फ भार क*ाएगा हालांकि आज का पुरुष जागरूक हो चुका है जो कि महिला का साथ देता है और समझ चुका है स्त्री की शक्ति को परंतु पहले ऐसा नहीं था तो स्त्री यह दिखाना चाहती थी कि वह कुछ भी कर सकती है और उसने साबित किया आज स्त्री आकाश में उड़ रही है पायलट बन कर युद्ध भी लड़ रही है रेसलिंग कर रही है शिक्षा दे रही है डॉक्टर बन रही है लोगों की सेवा कर रही है 1 बहुत सुंदर लेखिका बन जाता चुकी है है हर क्षेत्र में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहाँ स्त्रियों ने अपना परचम नहीं लहराया या खुद को साबित नहीं किया इस समय हमारे देश की राष्ट्रपति भी 1 महिला है त्रौपतीमुर्म तो स्त्रियां क्या नहीं कर सकतीं वह बच्चे भी पैदा कर सकती है हर महीने की पीड़ा को भी झेलती है और घर को भी बखूबी संभालती हैं हर रिश्ते को अच्छे से निभाते हैं तो महिलाओं को मेरा सलाम और हैप्पी वुमंस डे हर महिला सुखी रहे खुश रहे और उसे सम्मान मिलता रहे वो हक मिलता रहे जिसकी वह अधिकारी है धन्यवाद।
आउट महिलाओं को मैनेजमेंट के जीन्स में उठा उनमें कहीं भी छोड़ दीजिये कि वो हर चीज को मैनेज कर लेंगे और पुरुष बाहर का काम तो कर सकते हैं घर का बहुत कम परसेंटेज है। मैं कहती हूं आज भी कि जो पुरुष घर का और बाहर को बहुत कुछ हद तक संभालते ते हैं हैं और संभालने की कोशिश करते हैं और बहुत अच्छा लगता है कि आज की जनरेशन में चीन जा रहा है क्योंकि उसमें हम आप ही जिम्मेदार है न कि अपने बच्चों को या अगर हसबैंड केयरिंग है हजबैंड साथ दे रहे हैं कि तुम अकेले लगी हो मैं भी थोड़ा सा तुम्हारी है हेल्प कर देता हूं तो वहां के बच्चे भी वहीं सीखते हैं तो बच्चे आजकल जो ये सब चीजें देख के बड़े हो रहे हैं तो फिर उनको अपनी शादी के बाद अपनी वाइफ के साथ में मिल के दोनों लोग 1 संघ हैंडल कर रहे हैं। चीजों को तो अच्छा लगता है देखिये कि हां समय पर बदल रहे हैं परंतु बहुत सारी जगह आज भी है कि महिलाएं ही करेंगी घर के काम तो उन्हीं के हैं आप चाहे पूरा दिन घर में बैठे हो बट आप 1 न्यूज पेपर भी उठा के नहीं रख सकते क्योंकि हमने तो कभी किया ही नहीं और ये हमारा काम थोड़ी है पर महिलाओं से ही उम्मीद है कि वो बात बाहर जाकर भी काम कर रहे हैं उनके ऑफिस के काम में भी उनकी हेल्प करा दे तो ज्यादा अच्छा है घर के तो उन्हें करना ही है बच्चों को भी देख ही लेंगे बाहर अगर स्कूल जाना है तो वो भी बच्चे लेंगे बच्चों के लिए भी मदद कर लेगी और अगर वो कुछ टूवलरफोरविलर चला रही है तो फिर ठीक है न? बाजार का भी देख लेगी तू सब कुछ हैंडल कर लेगी वो। लेकिन पुरुष कितना करती हैं? वो बहुत इम्पोर्टेंट है अगर हेल्प कर रहे हैं तो बहुत अच्छी चीज है अदरवाइज उन्हें समझना चाहिए मैं यह चीज खुद नोट करती हूं कि जो आज अगर हम अपने बच्चों को सिखाने की कोशिश करेंगे तो आगे उनके बच्चे भी करेंगे तो ऐसे 1 पीडी चेंज होती है तो अच्छी चीज है वैसे ये टॉपिक कैसा है? जितना बोला जाए कम है पर आप सभी को हैप्पी वुमेंस डे।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:11
यह मैंने देखा है नानी भी निराश होती है तो पर आज बेटियां बहुत ऊंचे मकान पर है। और वह जो चाहे कर सकती हैं हर क्षेत्र में नाम कर सकती हैं। और बेहद सहनसील होती हैं। बेटियां माएं सब सो। मैं क्या? कहूँ? बस? बहुत बहुत धन्यवाद। आपने रिप्लाई किया और मेरा साथ दिया उसके लिए।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:57
जी? स्वाती जी? मैं आपकी बात से पूरी तरह से सहमत हों कि महिलाएं को ही यह बात कही जाती है? केवल घर भी संभाले? और ईवन? बाहर भी संभाले? और यहां तक कि अगर, बाइचांस, हजबेंड? अच्छे, निकले। और वे अपनी वाइफ का या वोमंस का साथ देना भी चाहते हैं कि हां? वह अकेले काम कर रही है। तो आप देखना। बहुत से घरों में ये करने ही नहीं दिया जाता है बेटे को ही काम। उसे कहा जाता है कि अरे? यह तो बीवी का गुलाम है ऐसे करके उसे रोका जाता है।
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:30
beated? have? international? women? stay? mam? and लाइंस? bahut? he? positive? motivating? thing? और सही बात है कि woman should be more? strong? so? that she can you know express? her? stress? and on? the same time। she can also help other all other people to be? normal? and stress? free? so? it was so nice to her ki posting? like this man? read? love? the things? we? post?