इसी पर मैं अपनी 1 कविता लेकर के आई हूं आपके लिए। बेटियों का जीवन हो जाएगा? सुरक्? बेटियों का जीवन हो जाएगा? सुरक्षित? घर। तुमने। उन्हें उनका अधिकार दिया। माता पिता ने। बेटी को घर बेटे? जैसा प्यार दिया। शुरू से होता देखती हैं। भेदभाव? शुरू से होता देखती हैं। भेदभाव। फिर खुद ही अप आवाज दबाने लगती है। अपने पंखों को निकलने? नहीं देती। अपने जख्म। खुद ही चुपचाप सहलाने लगती है। मत पंख काटो। अपनी बिटिया के।