Neelam Singh
@NEELAM · 1:22
एक घर बनाया था। #poetry
तिनका। तिनका जोड़ कर। मैंने 1 घर बनाया था। तिनका। तिनका जोड़ कर। मैंने 1 घर बनाया था। अपनी कमर तोड़ तोड़ कर। 1 आशियाना सजाया था। सुबह का नाश्ता न करके, सीधे दोपहर को ही भोजन खाया था। कुछ इस तरह मैं अपने परिवार को चंद जरूरत के सामान दे पाया था। तिनका। तिनका जोड़ कर 1 घर बनाया था। 2 स्वेटर में। मैंने 1 दशक तक काम चलाया था। कुछ इस तरह से तिनका तिनका जोड़कर 1 घर बनाया था। आज पूरे परिवार पर। दिखता हक।
और इस घर को बनाने में। और कहीं न कहीं 1 उम्र के बाद कि आपको कुछ नहीं पता है? आप बैठो? तो वो सिचुएशन आती है? तो सच में। आपने बहुत क* शब्दों में बहुत कुछ दर्शा दिया। बहुत अच्छा अच्छी पोयम। और 1 जीवन की सच्चाई है। यह। बहुत अच्छी गलता लिखे हैं। ऐसे इंस्पायर करते रहिये हमें।
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:07
बहुत ही खूबसूरत पोयट्री थी। मै बहुत अच्छा लगा। सुन के। और टाइटल बहुत अच्छा है। सो की पोस्टिंग लाइक दिस।
Swell Team
@Swell · 0:15
Neelam Singh
@NEELAM · 0:22
थैंक यू सो। मच। आपने मेरी कविता को सराहा और समझा भी। क्योंकि काफी बात सुन कर के सब तारीफ कर देते हैं। लेकिन आपने 11 चीज को समझा आपकी समझ की मैं दाद देती हूं उसके लिए। धन्यवाद। आपको। और आपने मेरी पोयम को अच्छा बताया। उसके लिए भी।
Kunal Jain
@sonofindia · 1:28
अब ये थोड़ा सा संवेदना का इशू है कि माँ बाप के सामने रहते हुए बच्चों को ये सोचना चाहिए की उनके सामने तो क* से क* कोई ऐसी बात न कर। करे साल 2 साल रुक जाए और उनको क्यूँकी। माँ बाप को उनके जो पुराने घर होते है उनके साथ में बहुत लगाव होता है। वो उनके लिए 1 तरह से उनके माँ बाप जैसा होता है और वो उनसे बिछड़ना नहीं चाहते। तो मैंने भी 1 कविता लिखी थी।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:42
थैंक यू सो? मच आपके रिप्लाई के लिए। आपने। मेरी कविता को अच्छा बताया। उसके लिए थैंक यू जोड़ा। तो होता यह है। साथ ही मैंने लिखा कि खुद को 14 पाई पैक कोने में बैठा पाता हूं। मतलब। जिसने इतना कुछ तजुर्बा हासिल किया फिर कई बार बच्चे उनको नकार देते हैं। अरे तुम्हें कुछ नहीं पता तो। इस कविता का मेरा ये भी 1 उद्देश्य था कि तिनका तिनका जोड़कर हमने घर जन बनाया? और फिर हमारी क्या हालत हो गई? तो?
नीलम जी आपकी हर वो बहुत ही खूबसूरत आपकी। आवाज में जो 1 विनम्रता है जो 1 ठहराव है उसको सुन के मुझे बहुत अच्छा लगता है। और हर जो आपकी करता है वो कुछ कुछ सिखा के जाता है उसमे कोई न कोई भाव होता है कोई 1 कहते हैं नव रस होते हैं तो हर कविता के अन्दर 1 नया रस होता है। और सुन कर बहुत ही अच्छा लगता है। बहुत ही खूबसूरत आपने जिस तरीके से उसको गाया है सिम्पल शब्दों में। बहुत ही आसान शब्दों में। 1 कविता की जो व्याख्या की आपने बहुत ही खूबसूरत किया। ऐसे और भी कविताएं लाइए।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:32
थैंक यू सो मच रोहित जी आपकी अभी मैंने जो आपने मेरी प्रशंसा की तो मेरे चेहरे पर सुनके बहुत बड़ी स्माइल है। और थैंक यू सो मच आपने इतना सराहा अच्छा बताया और साथ ही मेरी आवाज को भी अच्छा बोला। बाकी मेरको हमेशा 1 डाउट रहता था कि शायद मैं इतना अच्छा नहीं बोलती हूं पर आज आपने मेरा हौसला बढ़ाया है उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका।