Udit Narayan
@mridul9191 · 0:54
जीवन की आदर्श गति
हेलो दोस्तों, क्या आपने कभी गौर फरमाया है? सफर का मजा तभी आता है? जब ट्रेन 1 स्पीड पर खुद को स्थिर करके चलती रहे। ये वो स्पीड होती है? जिस पर यात्री सो रहा हो, बैठा हो, कुछ सोच रहा हो रहा हो, खिड़की से बाहर देख रहा हो। उस मोमेंट को आनंद से महसूस कर रहा होता है। ट्रेन की यह स्पीड जब धीमी होती है तो बोर करती है। और जब तेज होती है तो बेचैनी पैदा करती है। यही हाल जीवन का भी है। जीवन में भी 1 ऐसी गति पकड़नी चाहिए जो हर छन को महसूस करने के आनंद को बढ़ाए न कि आपको उदासीन बनाए रखे।