दोस्तों। आदाब बहुत दिनों बाद आपकी खिदमत में 1 गजल लेकर हाजिर हुआ हूँ। ये गजल है अहमद सलमान साहब की। जो मुझे बहुत पसंद है। अहमद सलमान साहब की कुछ और गजलें में आपको अलग अलग वक्त पर सुनाऊंगा जो मुझे पसंद है। फिलहाल आज। ए गजल समाज? फरमाइए? गजल? हाजिर? है। शबनम है। के धोका है के झरना है के तुम हो। शबनम है। कि धोखा है? कि झरना है के तुम हो। दिल दस्त में।

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Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:27

@khan_tayyab1

हेलो? मैं हूं? फेदर जस्ट। आपकी गजल सुनी और काफी अच्छी गजल है। और सुन के एकदम दिल तरोताजा हो गया। और जिस तरह आपने सुनाई है। आपकी मधुर आवाज से यह और सुंदर दिखती है। और और सुंदर सुनाई पड़ती है। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद। इसी तरह आगे पोस्ट करते रहिये। हम सुनते रहेंगे। धन्यवाद।