मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 1:19
Bura sabko lagta hai
नमस्कार? दोस्तों। राधे राधे। पता। 1। रिश्ते में समझदारी होना बहुत जरूरी होता है। बिना सूझ बूझ के। अगर हम कोई निर्णय लेते हैं। तो वो रिश्ते ज्यादा दिन तक नहीं चल। पाते। और श्री कृष्ण कहते हैं रिश्तों में समझदारी होना बहुत जरूरी है। बुरा दोनों को लगता है। लेकिन यह बात दोनों को समझनी चाहिए। और वक्त रहते माफी मांग लेनी चाहिए? या फिर वक्त रहते बातों को समझ जाना चाहिए? इसे कुछ खास फर्क नहीं पड़ता? लेकिन दोनों के बीच में प्यार बना रहता है।
नमस्कार? मनीष जी? राधे राधे। अभी आपकी स्वेल सुनी बहुत अच्छा लगा। और जैसे की मैं कहती हूं आप बहुत अच्छा संदेश देते हैं। आप सिर्फ लिखते ही नहीं है बल्कि आप लोगों को उनके रिश्ते बचे रहें इसके लिए इतने अच्छे अच्छे सजेशंस देते हैं। मश्वरे देते है और बिल्कुल सही बात कहते हैं। तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। जब मैं आपका स्वेल सुनती हूँ और ऐसे ही लिखते रहिये और आपको बहुत सारी कामयाबी मिले। बेस्ट विशेस? टो यू लॉट सफ सक्सेस? टो यू थैंक यू सो मच?
aamna singh
@aamy · 2:10
पर? हाँ? यह सच्चाई है? फॉर ऑल ऑफ। अस? हम सबके लिए ये इजियासददेनडन है? बुरा? अफकॉस लगता है? लेकिन हां? जब हम थोड़ा सा ऊपर एलेबेट हो जाते हैं, सेंड करते हैं? तो ये चीजें पर, शूट ऑफ नॉलेज में बहुत छोटी लगती है। यू नो? धर्म से ऊपर, कर्म से ऊपर कुछ होता नहीं है। और जब आप भक्ति से जुड़ जाते हैं तो आप जनना से जुड़ जाते हैं? जो पर सूट है, आपका नॉलेज का वो बड़ा हो जाता है? तो मनीष शुक्रिया और शेयर करने के लिए।
Swell Team
@Swell · 0:15
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:37
राधे? राधे? मनीष? बेहद? गुण? तथ्य किंतु? परिस्थिति? यह है कि आप कितनी बार सामने वाले को माफ करेंगे? रिश्ता? बचाना? जरुरी है? कोशिश? करते भी हैं? हर बार। माफी भी। मांग ली जाती है? किन्तु कभी कभी ऐसा होता है न? कि आपके भी। मन में। 1 बार प्रश्न आता है कि हर बार मैं ही क्यों? और पता? कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप रिश्ते को बचाने के लिए माफी मांगते चले जा रहे हैं। और सामने वाले व्यक्ति को ऐसा लगता है कि यह तो मूर्ख है। यह मेरे प्रेम में पागल है।
Syed Salman
@talktosalman · 0:55
बिल्कुल? विपिन जी। मैं आपकी इस बात से सहमत हूं कि आखिर कब तक हम किसी को मौका देते रहेंगे? हर बार सारी गलतियों का बोझ अपने ऊपर लेकर के। हम उस रिश्ते को बनाए रखने के लिए हर बार माफी मांगते रहते हैं। हर बार और सिर्फ हम ही पहल कर रहे हैं। 1 तरफ वो पहल हो रही है कि इस रिश्ते को बनाए रखना चाहिए? यह रिश्ता नहीं खराब होना चाहिए। आखिर कब तक सामने वाला अपनी युगों में सामने वाले को झुका कर रखता है? और इसी चीज का फायदा उठाता रहता है कि इसकी तो कोई वैल्यू नहीं है? इसकी कोई सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं है?