मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 2:59
Hairat nahi hoti agar…
और उन्होने बोला कि मैं तुम्हें पहचानता? नहीं? तो क्यूंकि? शायद? जब वो मुझे पहचानते तक उनकी इज ज्यादा हो चुकी थी। फिर मैं उस एज में घर से बाहर निकल गया? जब मुझे वो पहचान सकते थे? जब उनके साथ मुझे रहना चाहिए था। बड़ी मुश्किल है? लाइफ? यार? और बड़ी मुश्किल है? रिश्ते। किसी ने सच? कहा है? न? के पद का? यह परिंदा? रुका है? कहाँ? वो है? पागल ही था? जो बुलाता रहा है? 4 पैसे? कमाने?
नमस्कार। मनु जी। मेरा नाम कदमी गुप्ता है? मुझे आपकी कविता बहुत अच्छी लगी। बल्कि। मुझे कुछ याद आ गया। छोटी ही तो। मेरी दादी भी। मुझे कहानियां सुनाती थीं? जब वो सपाट में रहती थी। जो उनका गांव था। शादी से पहले, शादी के बाद, दिल्ली आने से पहले। तो जो कहानियां वो सुनती थी। मुझे वो आज याद आ गई। और बहुत सिंपल होते हैं गांव के लोग। वो हमारी तरह, शहर के लोगों की तरह लालचीन होते है। उनका दिल बड़ा बड़ा मासूम होता है। और मुझे बहुत अच्छा लगा।
gungun bansal
@gungunbansal_ · 0:37
hi? manish? you know? you? said? the rally? harstroothofthe? life? such? a good way? so? fostponi⁇m? again? appreciating? now? for the toic? of wolson? the bag? ground? using its rely mesmerising? but in? as? in? was? actually? realize? how? the worlds? or turning? upside? down? this is very true? lake? whenever you live your house? a respective? of the fact? brother?