Archana Bapat
@Jindagi_Rojana · 2:35
Morning musings... सुबह सुबह का मूड
good morning eveरीवoन कल रात गुलजार साहब की कुछ नज्में पढ़ रही थी, सुबह उठी तो उनमें से 1 नजम जैसे दिमाग में घूम रही थी और फिर उससे रिलेटेड बहुत सारी बातें चलिए पहले नज्म सुनाती हूँ तो गुलजार साहब कहते हैं कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफर के हाँफ जाता हूँ मैं जब चढ़ते हुए तेज चट्टाने सांसे रह जाती है, जब सीने में 1 गुच्छा सा होकर और लगता है कि दम टूट ही जाएगा यहीं पर 1 नन्ही सी मेरी नज्म मेरे सामने आकर, मुझसे कहती है मेरा हाथ पकड़कर, मेरे शायर ला, मेरे कंधे पर रख दी, मैं तेरा बोझ उठा लू मसीहा नाम से ये नज्म है।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:42
हाई अर्चना, मैंने आपका स्वेल सुना और मेरे खयाल से जो स्वेल पुच पेज है वो आपको काफी अच्छा लगेगा। उस स्पीड में पुच रिलेटेड कुछ प्रोम्स है क्योंकि आपने गुलजार साहब की बातें की एंड यू नो इंटायर फिलोसॉफिकल मूसिंग गोट मी थिंकिंग दैट। you might want to look at those prom और उन्ही प्रोम्स को यूज करके आप अपने आगे के कुछ स्वेल्स भी पोस्ट कर सकते। so, yes do check out the link and i will be looking fold to listing to your tak on the brons।
Archana Bapat
@Jindagi_Rojana · 0:22
hey, thank you, so much for recommending, and i actually guiding me so i will definitely check that prompt and i think if i post under that my reach will be better so thank you, so much, and i try to use it thank you।