Jay Pandey
@Jay.pandey · 5:00
India vs England (T20 2022) Semi final
क्योंकि वो टी ट्वेंटी के फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया के लाइन अप में फिट नहीं हो रहे थे लेकिन ये काम हम इंडिया में नहीं कर सकते इंडिया में अगर किसी का ब्रैंड ने में बहुत ज्यादा बड़ा हो जाता है तो आपको उसको तीनों फॉर्मेट खिलाना ही पड़ता क्योंकि पब्लिक यहां ऐसी है कि वो क्रिकेटर्स को भगवान बना के रखी हुई है अगर आप उनको ड्रॉप कर दोगे तो सिर्फ ये टीम का मामला नहीं होगा ये नेशनल इशू बन जाएगा कि आपने उसे ड्रॉप कैसे किया सेकेंड बात यह आती है कि हमारे जो इंडियन प्लेयर्स हैं उनको मेंटल इशूज बहुत होते हैं कि भाई मैं अभी बीमार चल रहा हूं, मुझे हैं स्ट्रिंग हो गई है, मुझे कुछ इंजीनिय हो गई है लेकिन अगर कभी भी आईपीएल की बात आती है तो आपने कभी भी देखा कि कोई भी इंडिया का बड़ा ए 1 कैटेगरी का प्लेयर आईपीएल न खेला और 2000 8 से आईपीएल स्टार्ट हुआ है 2010 से लेकर 2014 तक चैंपियन लीग भी चली थी, चैंपियंस लीग भी सब खेलते थे लेकिन जब इंडिया के लिए खेलने की बात आती है तो किसी न किसी कोई न कोई प्रॉब्लम हो जाती है वर्ल्ड कप तो फिर भी कोई सारे प्लेयर खेलना चाहते हैं क्यों कि उनका नाम होगा लेकिन अगर ट्राई सीरीज की बात होगी, बायलेटरल सीरीज की बात होगी तो प्लेयर्स कहीं न कहीं बहाना मार देते हैं कि मुझे रेस चाहिए मुझे हैंस्टिंग की प्रॉब्लम है मुझे ये इंजरी है ये भी 1 प्रॉब्लम है तो आईपीएल में इंडियन क्रिकेटर्स की बहुत ज्यादा आदत बिगाड़ी है छोटे या में 50 55 मीटर की बाउंडरीज होती है आईपीएल में क्यों होती है ताकि पब्लिक को मजा आए ज्यादा चौके चौके छक्के बड़े वीर सेप ज्यादा आए तो ब्रैंड एंडोर्समेंट भी ज्यादा आयेंगे जिससे बीसीसीआई की भी क*ाई होगी, आईसीसी की भी क*ाई होगी, प्लेयर्स की भी क*ाई होगी, टीम नर्स की भी क*ाई होगी लेकिन हमें यह चीज समझनी पड़ेगी कि इंडिया में क्रिकेट को इतनी बड़ी चीज मानी जाती है तो क्या हम उसके लेवल को परफॉर्म कर पा रहे हैं 2000 7 के बाद से हमने आज तक टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप नहीं जीता कभी फाइनल तक में भी नहीं पहुंच पाई टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप के 2011 में हमने ओ डी आई का वर्ल्ड कप जीता था वो भी 28 साल बाद 1900 तिरासी के बाद उसके बाद से हम आज तक वर्ल्ड कप ओडीआई के वर्ल्ड कप के भी फाइनल में नहीं पहुंची 2013 में चैंपियन शॉपी जीती थी इंग्लैंड में उसके बाद से बस 1 बार 2017 में जो इंग्लैंड में चैंपियन शॉपिंग हुई थी उसके फाइनल में पहुंच गए थे वो उसने भी हम जाके हार ही गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे लेकिन उसपर भी हम जाके लाश में हार गए तो कहीं न कहीं जो पहले न्यूजीलैंड को चोकर्स कहा जाता था चोकर्स मतलब होता है कि कोई 1 ऐसी टीम जो खुद तो कहीं नहीं पहुंचती है लेकिन दूसरी टीम को हरा देती है सेमीफाइनल में आके क्वार्टर फाइनल में आके मतलब न हम खेलेंगे न तुमको खेले देंगे कहावत चौधरी न हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे वो चीज करती थी पहले न्यूजीलैंड अब सेम चीज करने लगी है इंडिया और भी बहुत सारी प्रॉब्लम है कि इंडिया में जो क्रिकेटर हैं उनका ब्रैंड इतना बड़ा हो गया कि प्रैक्टिस करने आते ही नहीं है अगर टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप की बात की जाए तो राहुल द्रविड़ हैं राहुल द्रविड को एक्सपीरियंस क्या है राहुल विड आज तक कभी टी ट्वेंटी क्रिकेट खेलने क्या राजस्थान रॉयल्स की 2014 से लेकर 2016 तक कोष थे उसके अलावा उनका क्या एक्सपीरेंस है 2014 से 2016 तक राजस्थान रॉयल्स क्या अच्छा परफॉर्म की है नहीं की है 2000 7 का 1 बार आईपीएल राजस्थान रॉयल जीत गई थी वो भी राहुल डरविलटकीवजहसेनहीं सेन वॉन की की वजह से तो मैनेजमेंट की प्रॉब्लम है प्लेयर में के बीच में टनलकनफ्लिक्सहै विराट कोहली के बारे में कुछ कहा जाता है रोहित शर्मा के बारे में कुछ कहा जाता 2011 की जो वर्ल्ड कप की टीम थी उसमें कितने बड़े बड़े प्लेयर थे, सचिन तेंदुलकर थे, हरभजन सिंह थे, युवराज सिंह थे लेकिन जब वो लोग साथ में खेलते थे और धोनी उनसे जूनियर प्लेयर थे तो वो लोग धोनी की बात माना करते थे क्यों? क्योंकि धोनी कैप्टन थे वो चीज आज इंडियन क्रिकेट टीम में नहीं है आप अपने व्यूज इसमें में बताइएगा थैंक यू।