Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:34
श्रीमद भागवत गीता अध्याय 2 (भाग १)
वो ही कहेंगे? तो जय श्री कृष्ण। इस में जो श्लोक संख्या है वो है 72। और जो अध्याय का नाम है वो है सांख योग। या कह सकते हैं गीता का सार। तो दोस्तों। इस अध्याय में हमें गीता जो सार है वो जानने को मिलता है। जैसे की कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग? इत्यादि? एवं अन्य। के। अध्यायों में। इसकी पूरी जानकारी मिलती है। तो आइए हम शुरू करते हैं। अध्याय 2। तो ये जो अध्याय है वो अर्जुन की। कायरता के वि? विषय में। श्री कृष्ण अर्जुन का संवाद है। तो आगे बढ़ते हैं।
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 2:16
सब जगह यही चीजें बताई जाती है। बस? घूम फिर के? घूम फिर? के। कहते हैं। आपने। बहुत अच्छा उदाहरण भी दिया? उसे समझाने के लिए। कि जैसे कपड़े पुराने हो जाते हैं? तो हम उसे बदल देते हैं। और नए कपड़े लेते हैं। वैसे ही। जब शरीर का अंत होना होता है? तब वो होना ही होता है। उसको कोई टाल नहीं सकता। और फिर वो आत्मा दूसरे शहीर को ग्रहण कर लेती है। आत्मा अमर है? उसे हम छू भी नहीं सकते। बस इतना ही कर सकते हैं कि हम आत्मा को शुद्धि, पहुंचाए, शुद्धता के रूप में उसका सम्मान करें। बस? अपनी आत्मा को।