मैं बहरहाल उसी हल्के जंजीर में हूं मैं बहरहाल उसी हल्के जंजीर में हूँ यूँ तो आजाद कई बार किया है उसने इरफान सिद्दीकी साहब इस दौर के बड़े शहरों में शुमार होते हैं और वो पी आई बी में से रिटायर हुए और लखनऊ में जिंदगी का बेहतर हिस्सा यहीं गुजारा और उनके दोस्तों में तारीख वरियार साहब और डॉक्टर कादली का नाम लिया जाता है जो कि उनकी किताब शहरे मलाल में भी दर्ज है।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:42
नमस्ते इरफान सिद्दीकी के बारे में इतना कुछ बताने के लिए और उनका इतना खूबसूरत 1 शेर शेयर करने के लिए इस वेल पे आपका बहुत बहुत शुक्रिया, बहुत अच्छा लगा सुन के ये शेर और बहुत अच्छा लगा जान के इरफान सिद्दी के बारे में में और मैं जरूर जाकर उनके लिखे हुए और भी शेरो शायरी में पढूंगी इंटरनेट पे और आशा करती हूं कि आप ऐसे और भी शेरो शायरी शेयर करते रहेंगे थैंक यू सो मच।