कणकण हुआ? अच्छा दिन? शशि निहारे। अपनी प्रेमिका को बरस। पर। कहीं भी। ते नाय। निषगासफलवनउपवन हुआ? शांत। समंदर? चहुंओर? महक गया? हुआ? जब पुष्पों का संगम? नैनों का मिलना हुआ। परस्पर। कहीं बीते ना? ये निशा? का? सफर? चक्शु की हुई? जो। बतियां। मन में उठा। प्रेम की लहरों। का समंदर। जी? भर कर। जी लू। ये रजनी। पल। तिमिलनछटना? बाकी। है? जीना?
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:25
हेलो हिमा सिन्हा जी। मैं साबी बोल रही हूँ। मैंने। आपका ये स्वर सुना। बहुत ही खूबसूरती से। आपने ये पोएम को। बोला। आपका जो टाइटल है। निशा का सफ़र। बहुत ही सुन्दर टाइटल दिया है। आपने। और आपकी। कविता भी उतनी ही प्यारी थी। बस। आप ऐसे ही प्यारी प्यारी पोएम लिखती रहे। और हमें सुनाती रही। धन्यवाद।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:32
सो। नमस्कार? हेमा जी। मैं फैदर बोल रही हूँ। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद। इस खूबसूरत कविता के लिए। निशा का सफर। मुझे बहुत ही अच्छा लगा। आपकी। आवाज। काफी सुंदर है। यह। मैं दिल से कहूंगी। और आप। इसी तरह ये कविताएं हमें प्रस्तुत किया कीजिए और हम इसे सुनते रहेंगे। मुझे बहुत अच्छा लगा। और थैंक यू वेरी मच बाय।
Swell Team
@Swell · 0:15
Priya Hansda
@priyahansdaoffi · 0:08
हे मां? प्रिया? ये आपकी? हिंदी काफी अच्छी है और यह पोयम काफी अच्छी थी। ऐसे ही पोस्ट करते रहिये।
Laxmi Dixit
@vicharnama · 0:33
नमस्कार? हेमा सिन्हाजी। मैं लक्ष्मी बोल रही हूँ। आपकी कविता। निशा का सफर बहुत ही सुन्दर टाइटल है। और आपकी। आवाज भी बहुत सुन्दर और मधुर है। और आपने दिल से सुनाया है। आशा है कि आप आगे भी ऐसी ही अपनी अच्छी अच्छी कविताएं हमें सुनाती रहेंगी। बहुत बहुत धन्यवाद।