तो कभी गिरता। कभी संभलता। फिर भी 1 निशा गुज़र जाने के बाद उठने का भरपूर्ण प्रयास करता है। आसमान में। तिमतिमाते। तारे अपनी पूर्ण चमक के साथ चांद का बखूबी साथ निभाते हैं। रात को। मुस्कुराकर गुजारने में अपनी भूमिका भूल नहीं पाते हैं। उन्ह सूरज के आगमन में जुट जाते हैं। रात का आसमान अद्भुत और प्यारा बनाते हैं। हर रात आसमां को देखो तो नित। नई सुबह आती है। और नए नए ख्वाब। सजाती है। धन्यवाद।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:32
हेलो हिमा? मैं साबी बोल रही हूँ। मैंने। अभी आपकी ये कविता सुनी जिसका शीर्षक आपने रखा है। हर रात कुछ नया करती है। बहुत सुन्दर कविता थी आपकी। मुझे। ये कविता सुन के बहुत अच्छा लगा। और सबसे सुन्दर इस कविता को और भी निखारती है। आपकी। बैग्राउंड। म्यूजिक बहुत सुन्दर। म्यूजिक। आपने चूस कि है। और आपकी कविता भी बहुत खूबसूरत है। आशा करूँगी। आप आगे भी इसी तरह कविताएं लेकर आती रहेंगी। हम सुनते रहेंगे। थैंक यू सो मच।