Intezar Tha hum the aur wo yaadien- LAAL SUIT
कुछ इस तरीके से। अपने शब्दों में। पिरो के। मैंने आज माया है? उसे कापी? पसंद आया? तो? मान के चलता हूँ। आपने। 1 साथ कर दिया है? तो कुछ इस तरीके से शुरू होती है की तुझे देखे हुए। 1 ज़माना हो गया। तुझे देखे हुए। 1 ज़माना हो गया। तेरी यादों के सहारे में। मैं दीवाना? हो गया? इस बार? आयेगी न तू मेले में। इस बार। आएगी। न तू मेले में। लाल रंग का सूट पहनकर देख। तेरी दीवार में।
Sreeja V
@Wordsmith · 0:26
hi? rohit? bhot? he acha lga sonki? and as? i had chedaliere? also you? know your versatility? really? amazing me? from talking? about food? right? to getting so? romantic? through your poetry। i think? there is a hole graph। that you are covering? and very very nice and interesting to listen to thank you? so much।
जो कि डायरी में पन्नों डायरी के पन्नों पर अपनी कहानियां लिखता है। तो जो उसके दिल से आवाज निकलती है, उस गहराई को महसूस कर। पाता हूँ? तो कहते हैं कि 1 आदमी के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर जाता है। तो न केवल आपने पेट का रास्ता बल्कि दिल का रास्ता भी मजबूती से पकड़ा हुआ है। बिल्कुल सही रास्ते पर चल रहे हैं। आप। आपकी। रेसिपीज। तो मैं देख नहीं पाया। पर आपकी कविताओं की रुमानियत देख कर ऐसा महसूस होता है। मुझे कि आपके।
Swell Team
@Swell · 0:15
Thank you. It's always been so wonderful to hear your comments, and I think it's you've got a good taste of listening and seeing things or it so miracles tabiwa spread time. Jata I think time is everything. The more you invest, the more return you get in terms of poetry or in terms of writing a poem
हा थैंक्स रजत आपने। मेरी तारीफ जो प्वाइंट बोले है। बहुत ही मकसद था कनेक्ट जुरता जो मेरी सोच भी हो कहीं से गलत नहीं होगी उसको कहना की। देखिये कहीं न कहीं किसी हर इन्सान के अन्दर कोई न कोई स्किल है कोई टैलेंट है उस। प्रॉब्लम ये होती है? कोई पहचान नहीं पाता। और मेरा प्यार 23 चीजों से है उसमें से ये खाने का शौक है। और 1 है लिखने का थोड़ा सा। और भी बहुत सारे शौक है बट स्वल्पे जो 2 शौक को मैंने इस्तेमाल किया है जो उपयोग में लाया हूँ वो कहीं न कहीं से 1 कामयाब भी रहा है अभी तक और आगे भी शायद रहे।
zeba sahib
@Sahibzaaadi · 1:11
हाई रोहित। आपने। यादों की बात करी। मैं कोई राइटर राइटर नहीं हूँ। पर कभी कभी लिख तो सोचा कि जब यादों की बात हो रही है तो कुछ अपना भी सुना दूँ। बहुत पहले लिखा हुआ था आई थिंक 2018 में। पर कुछ ऐसा है? क्यों? लौटते हो? हर बार? क्यों लौटते हो? हर बार। जब भी तुम्हें भूलने लगती हूँ? क्यों लौटते हो? हर बार? अजी? बटबट। बातों के जाल में उलझने लगती हूँ? क्यों लौटाते हो? हर बार? कोई रिश्ता न होकर भी तुम्हारी होने लगती है? क्यों लौटते हो? क्यों लौटते हो? हर बार?