हाई? फ्रेंड्स सो। मैं 1 बार फिर से हाजिर हूँ। आप लोगो के सामने। अपनी 1 नई कविता के साथ। आंड। कविता के जो शीर्षक है वो है जिंदगी के कुछ राज। so कुछ इस प्रकार है। जिंदगी का यह अंदाज नहीं संभल रहा? छुपाया है? जो 1 राज नहीं संभल रहा? सोचता हूँ? सोचता हूँ? कैसे संभालूंगा? पूरी जिंदगी को? मुझसे? तो ये मेरा 1 आज नहीं संभल रहा? मुझसे तो मेरा यह 1 आज नहीं संभल रहा। धन्यवाद।
ह**ो मर्जी बहुत डेब्ट है इन लाइनों में बहुत इम्पैक्टफुल जो इमोशंस यह करना चाहते हैं वो करते हैं यह लाइन और आपकी दूसरी रचनाओं की तरह यह भी बहुत बहुत अच्छा लगा बहुत पसंद आया हमको सो थैंक यू सो मच।
Amarjeet Yadav
@Amarjeet · 0:16
thanks a lot classic cup gate is just my feelings which i putin to work and and right so hopefully you people are liking it and keep ritingthanks a lot for your apeciatian।