Vipin Kamble
@Vipin0124 · 4:26
उसका ख़्याल- अनमिट, सरल, सहज, मासूम
कि उफ? कितना बोलती है? पर? कभी? ऐसा? कहा? नहीं? खुश? हूँ? उदास हूँ। परेशान। हूँ? नाराज हूं। कितनी ही भड़ास। क्यों न भरी हो? सब। सुनता था? मुस्कुराता जाता। आँखें। मटकाता? सुनता जाता। अब तो? बस? यादें हैं? वक्त के? थपेड़े। सब। छीन के? ले जाते हैं। वो? नहीं है साथ। बस। उसकी? यादें? साथ हैं। उसके। ख्याल? साथ हैं। आज भी। खैर।
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 3:32
उनके ख्यालों में बहुत ही खूबसूरत था मैं। इसलिए मैं भी। अपने ख्यालों में जो इंसान था। जिसका व्यक्तित्व था। मैं भी। भयाकरपाई। बहुत अच्छा लगा। आपका भी सुनकर। और शायद मेरा भी सुनकर। आपको भी अच्छा लगा होगा?
Urmila Verma
@urmi · 1:50
विपिन जी। आपने जो पुरानी यादें हमसे साझा किए हैं। वो कविता से भी ज्यादा खूबसूरत। आप। हमें। हमारा हाथ पकड़ के ले गए। उस यादों की। 1 गली में, जहाँ उन यादों की खुशबू है, जहां ख्यालों में मोगरे खिले हुए हैं। जमेली खिली हुई है। आप बोल रही थी? तो हमें ऐसा लग रहा था कि जैसे 1 झीने पर्दे के पीछे आप। दोनों बैठे हैं। वो आपके गेसू को सहला रहे हैं। आप? 1 टकटकी लगाए। आपकी बातें सुन रहे हैं? बड़े मनोयोग से। और आप बोले जा रही हैं?
SHREYA SAHA
@Angel3110 · 3:06
जिसके रहने का जो अगर चला भी जाए न फिर भी उसकी 1 अलग सी छाप हमारी जिंदगी में रह जाती है। चाहे वो चाहे वो हमारे माता पिता हो, चाहे कोई और रिश्ता हो? या फिर कोई खास हो। कोई ऐसा खास जिनसे हम बेमिसाल बेहद प्यार करते हो। हर समय। हर प्यार को मुकाम नहीं मिल पाता। कुछ कुछ इंसान कुछ कुछ। व्यक्ति। हमारे जीवन में। इतने अटूट होते हैं। इतने गहरे होते हैं कि उनका उस कुछ पल में रह जाना है। हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा समर्थन है।