@amIrahul14
Rahul Rathore
@amIrahul14 · 0:29

Poem by Kunwar Narayan

हम सब 1 सीधी ट्रेन पकड़ कर अपने अपने घर पहुंचना चाहते हैं। हम सब ट्रेनें बदलने की झंझटों से बचना चाहते हैं। हम सब चाहते हैं? चरम? यात्रा? और 1। परम। धाम। हम सोच रहे थे कि यात्राएं दुखद है और घर उनसे। मुक्ति। सच्चाई। यह भी हो सकती है कि यात्रा 1 अवसर हो और घर। 1। संभावना, ट्रेनें बदलना? विचार बदलने की तरह हो। और हम सब जब जहाँ, जिनके बीच हो, वही हो? घर पहुँचना।
@Tancy_0818
Tanishka Singh
@Tancy_0818 · 1:45

@amIrahul14

अपनी लाइफ के साथ उनको टाई करके रखना चाहिए। हमें ज्यादा इमैजिनरी वर्ल्ड में नहीं चले जाना चाहिए। यह मतलब मुझे लगा। क? sigifoinlinto thank। सो मच फॉर? शेयरिंग। this home। बहुत अच्छी कविता थी। i rely। but भी सपेकसआपनेबोले। bhut? thank you so much for sharing। i hope। you have a grad।
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