@sonofindia
Kunal Jain
@sonofindia · 4:45

यह दरिया मेरा दोस्त है हिन्दी कविता जो लिखी गयी थी सुबह सुबह की एक सैर के वक़्त

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तो दोस्तों ऐसा हुआ है कभी आप सुबह सुबह कहीं घूमने जाते हो किसी पहाड़ पर किसी नदिया पर हमारे घर के सामने 1 पार्क है जहाँ पर मैं अक्सर जाता हूँ अक्सर का करीब करीब रोज जाता हूँ बहुत ही सुंदर पार्क है और वो 1 गल्फ ऑफ मैक्सिको जो की फ्लोरा के बहुत पास में है उसके ऊपर है पीछे का जो सफर है उसमें थोड़ा सा वो जो दरिया है और जो रस्ता है उसको हम बोलते हैं बे और वो बे जो है सीधी थोडी दूर पर जाकर 1 ओज गल्फ ऑफ मैक्सिको में मिल जाती है मैं पिछले कई वर्षों से यहाँ रहता हूँ मुझे बहुत अच्छा लगता है उसे जब भी जाता हूँ तो ये कुछ ख्याल है जो 1 दफे कई बार क्या होता है कि कविता जो हो सिर्फ आपके अन्दर के एक्सप्रेशन नहीं होते उन एक्सप्रेशन को एक्सप्रेस करने के लिए कुछ शब्द भी होते हैं जो आपके जहन में आने चाहिए और जब वो शब्द आपके जहन में आते हैं तो 1 तरह से वो कविता का रूप लेते हैं तो ये जो शब्द है ये कुछ करीब करीब कुछ महीनों पहले ये मेरे जहन में आए थे जिसको मैंने कविता कविता का रूप दिया था आप लोगों से शेयर करता हूँ, साझा करता हूँ ये दरिया मेरा दोस्त है यह दरिया मेरा दोस्त है यह मुझसे रोज रोज बात करता है यह दरिया मेरा दोस्त है यह मुझसे रोज रोज बात करता है मैं जब कभी अंदर से दहलता हूँ तो यह मुझे शांत करता है मैं जब कभी अंदर से दहलता हूँ तो यह मुझे शांत करता है यह दरिया मेरा दोस्त है मुझसे रोज रोज बात करता है मैं हर सुबह अपने तेज कदमों से इसके 1 साहिल को जाता छूता हुआ दूसरे से पार निकल जाता हूँ मैं हर सुबह अपने तेज कदमों से इसके 1 साहिल को छूता हुआ दूसरे से पार निकल जाता हूँ न कभी इससे कुछ पूछता हूँ न कभी इसको जानने की कोशिश करता हूँ न कभी इससे कुछ पूछता हूँ न कभी इसको जानने की कोशिश करता हूँ मैं जब कभी थक जाता हूं तो इसके ही किसी किनारे पर बैठ कर इसको अपनी कुछ शिकायतें सुना देता हूँ जब कभी थक जाता हूं तो इसके किसी किनारे पर बैठ कर इसको अपनी ही कुछ शिकायतें सुन सुना देता हूँ न कभी इससे कुछ पूछता हूँ न कभी इसको जानने की कोशिश करता हूँ लेकिन यह मेरा दिल जरूर हल्का कर देता है लेकिन यह मेरा दिल जरूर हल्का कर देता है आज यह दरिया मुझे बेचैन लगता है आज ये दरिया मुझे बेचैन चैन लग लगता है कोई ज्वार है जो उछाले मार रहा है कोई लावा है इसकी गोदी में जिसे ये गुस्से में निकाल रहा है कोई ज्वार है जो उछाले मार रहा है कोई लावा है इसकी गोदी में जिसे ये गुस्से में निकाल रहा है मैं बैठा हूँ इसके किनारे इस आस में मैं बैठा हूँ इसके किनारे इस आस में कि शायद यह आज मुझसे बात करें मैं बैठा हूँ इसके किनारे इस आस में कि शायद ये आज मुझसे बात करे आज ही मुझे समझा पाए अपने दिल का हाल आज मैं इसकी हर बात सुनूं और कहूँ आज यह समझा पाए मुझे अपने दिल का हाल आज मैं इसकी हर बात सुनूँ और कहूँ मेरे दोस्त इस दुनिया में तू और मैं 1 ही है मेरे दोस्त इस दुनिया में तू और मैं 1 ही है फर्क इतना है कि मैं समझा पाता हूँ और तू सिर्फ खुद ही समझ लेता है फर्क इतना है कि मैं समझा पाता हूँ और तू सिर्फ खुद ही समझ लेता है आज ये दरिया मुझसे बात करता है आज ये दरिया मुझसे बात करता है। तो ये थी जी कविता अगले फिर दूसरे सवाल में दूसरी कविता करेंगे करीब करीब 4 मिनट 32 सेकंड की कविता है अपना जरूर फीड बैक लिखें बोलें मैं सबकी बात सुनूंगा सबसे बात करेंगे कृपया अपनी भावनाएं शेयर करें धन्यवाद।

सुप्रभात #goodmorning #hindikavita

@veenaahuja
veena ahuja
@veenaahuja · 1:31
कुणाल जी ये आपकी कविता दरिया मेरा दोस्त है बहुत अच्छी कविता आपने सुनाई बिल्कुल पूरी तरह से उसके साथ आपने 1 होकर जैसे हिंदी में शब्द है न तादाद में स्थापित करके आपने ये कविता लिखी है और फिर सुनाई है तो ये कविता में आपके भाव जो हैं वो बिल्कुल आपने वो दोस्ती का ही भाव मन में संजो कर इसके साथ बात की है दरिया के साथ और कुदरत के तो हर रंग ही बहुत न्यारे होते हैं और जो कुदरत के साथ जुड़ गया समझो वो बहुत मस्ती में जीता है और उसके विचार भी बड़ी ऊंचाई पर होते हैं तो बहुत सुंदर कविता लगी आपकी ये दरिया मेरा दोस्त है मुझे बहुत अच्छी लगी बहुत गहराई से आपने उसके साथ जो है, कनवर्सेशन किया है और उसके जरिए 1 बड़ा अच्छा मैसेज भी दिया है कि दोस्त ही जो होता है वो अपनी हर बात अपने दोस्त से कहना चाहता है और सुनना भी चाहता है लेकिन क्योंकि दरिया नेचर का 1 पार्ट है इसलिए वो आपको बता तो नहीं सकता लेकिन आप उसकी हर बात फील कर रहे हो वेरी नाइस फील***्स आते रहिये स्वेल में अच्छा लिखा आपने।
@sonofindia
Kunal Jain
@sonofindia · 0:45

@veenaahuja

वीना जी आप ने जो भी कहा है वो मेरे मन को बहुत छू गया है सो ऐसे ही आप अपना प्रेम बरसाते रहें हम तो बहुत थोड़ा बहुत लिखते हैं ऐसा कुछ भी नहीं है जो नेचर से अलग हो आपका जीवन नेचर के बिल्कुल करीब होना चाहिए आपने बहुत अच्छी बात कही है अगेन धन्यवाद आपके प्रेम के लिए और हम आगे जो भी ख्याल आते रहेंगे अब बिन्दास तरीके से यहाँ पे पेश करते रहेंगे आपके लिए भी और उनके लिए भी सो धन्यवाद आपके उत्साह वर्धन के लिए थैंक यू वेरी मच।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:26

@sonofindia

वाह बहुत ही खूबसूरत कविता थी ऐसी फील*** आ रही थी कि आम लॉस्ट इन एट मतलब आपकी कही हुई बातों में 1 खोने जैसा अहसास हो रहा था तो बहुत ही अच्छा लिखा है आपने एंड आई रेडी थिंक दैट ही यूज तो राइट वेरी वेरी गुड सो की पोस्टिंग लाइक दिस ताकि हमेशा हमें ऐसी बॉइट्रीज सुनने को मिले एंड थैंक यू सो मच।
@sonofindia
Kunal Jain
@sonofindia · 0:49

@Priya_swell_

प्रिया जी बहुत बहुत धन्यवाद आपकी सरहाना के लिए और सरहाना भरे शब्दों के लिए ये सब जो है न जो इस तरह के जो शब्द होते हैं जादू जैसा काम करते हैं और जो कभी होता है या जो आप जैसे आर्टिस्ट लोग होते हैं 1 दुसरे को हम हम सराहते रहे और 1 दूसरे में जादू पैदा करते रहे बस इसी से आगे काम चलता रहेगा तो 12 कविता और है मेरी मैं आपको इनवाइट करूँगा आप उनको भी सुनिए और शायद मैं आज कल 1 दूसरी कविता और है जो लिखी है उसको जल्दी ही स्वर पर डालूंगा बढ़ धन्यवाद और आपकी आपने जिस तरह से सहा वो बहुत ही काबिले तारीफ है सो थैंक यू वेरी मच।
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