Social media ka bukhaar
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है? वो दिन? जब सब मिलकर बांटते थे अपना सुख दुख। आज तो सभी लगे पड़े हैं? ऑन फेसबुक। याद आते? है? वो दिन? जब लोग खाना सुक** से खाया करते थे। आज तो खाने से पहले वो स्टेटस पर नजर आया? करते हैं? चल रहा है? सोशल मीडिया का बुखार? क्यू? हम भूल रहे हैं? खुद से? करना प्यार? ए? इंसान? तुम? कब? पिघलोगे? इस? बनावटी? दुनिया? से? कब निकालोगे? थैंक? यू?
Preshti 123
@Preshti · 0:43
hello mam your pot? is so good? and inspiring to this more in world? and i? feel? that spending more time in social media? is not better? and its back? for? health? also? but missing? that all days? when we used to spend time? with a friends? that was so? as i wish? it could come back to? as? now? if we try to get out? of social media? and a list? in? few minutes?
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:08
यदि हम किसी भी चीज को 1 निश्चित समय में इस्तेमाल करेंगे उसकी अटी नहीं करेंगे तो उसके उसके फायदे भी हैं। ताकि आपकी? कविता बहुत अच्छी थी। हमें याद रखना चाहिए कि सोशल मीडिया हमारे सुविधा के लिए, हम सोशल मीडिया के लिए नहीं है कि दिन भर हम सोशल मीडिया में ही घुस रहे हैं। लगे पड़े हमें सोशल मीडिया का उतना ही यूज करना चाहिए जितना जरूरी है। और जरूरत है। बाकी समय। हमें अपने दोस्तों के साथ, अपने किताबों के साथ। और जिस जिस काम से हमें खुशी मिलती है वो काम करना चाहिए। धन्यवाद।
Swell Team
@Swell · 0:15
hi? shivani? ma? cana? agrawal? and i? like you? a short? in? sweet? and you? said? the reality? the reality of our life? and how? we miss? the old times? when we used to please? so? then just watching? social media? platforms? or just? scrolling? through? instagram? profile? and facebook? and all? that? and co? pit? going? and to? check? out? my profile? as well?
Huma Ansari
@HumaAnsariwrite · 1:42
ताकि बाद में हमको कोई रंज न रह जाए कि हमने फला चीज तो की ही नहीं। हम तो ये चीज जानते ही नहीं। और रहा सवाल। बचपन। तो बचपन को बचपन की तरह ही जीना चाहिए। बच्चों को मोबाइल देकर उन्हें बहलाने के लिए मोबाइल दिया जाता है। लेकिन धीरे धीरे वो उनकी आदत पड़ जाती है। फिर वो उसके बिना रह नहीं पाते। तो जहां तक हो सके तो पेरेंट्स। कोशिश करें कि बच्चों को दूसरी चीजों से बहलाए नाकि मोबाइल से और उनको इस मोबाइल के रोग से बचाएं।
Prabha Iyer
@PSPV · 4:36
तो? पैरेंट्स लोग? क्या? बोलते थे? नहीं? नहीं? मोबेल छूना? नहीं है? आंख? चला जाएगा? हाथ? चला जाएगा? तो? तुम बीमार पड़ जाओगे? बिकॉज ऑफ दिस? इनटॉक्सिकेशन? जैसे होगी? तो? तुम कुछ नहीं कर सकते? हो? तब क्या होता था? पैरेंट्स? बोलते? मना? करते थे? एंड? कोबिड? के टाइम में? क्या हुआ? ग्जैक्टलीद? रिवर्स? आपको? मालूम? होगा? बच्चे? सब? ऑनलाइन में पढा करते थे? ऑनलाइन में? कैसे? वि? द? ह**्प? ऑफ? द गैजेट्स? एंड? तब बच्चे? बोला? करते थे? मम्मी? और पापा? को? की। मोबाइल? मत? देना? मम्मी? क्या? क्योंकि? आग चला जायेगा? हाथ? दबे रह जाएंगे? मोबाइल? मत देना। हमें पढ़ना? नहीं है? एग्जैक्टली? द रिवर्स? राइट? वी, कान्ट? बिलीव? क्या? दुनिया है? हम? जब से न करते हैं? उसे ही करना पड़ा? हमें? सो? वी? कैन? ऐंटिसिपेट? नीथिंग? आप? बहुत अच्छा? बोले? द? सोशल मीडिया? लाइक? फेसबुक? ट्विटर? व्हाट्सएप? स्टेटस? 1? वेरी? ट्रू? ऑनलाइन? विच? आई? लाइक। दिस। खाने के। पहले। स्टेटस में। अरे खाना ही? तो? यू ट्यूब को देख के? बनता है? पहले हमारे दादी। हमारे मम्मी। लोग। कैसे खाना बनाते थे? कोई यूट्यूब नहीं? सीखा कर देते? अपने बड़ो से? सीखा करते थे? अभी देखो? यूँ? कुछ बनाना है? यू ट्यूब? देखो। यू ट्यूब में? खाना बनाकर? ऐसे कभी? हम लोग मजाक उड़ाते थे? की खाना तो बन जाएगा। यू ट्यूब में? ये? डालो? वो? डालो? सब? बोल देंगे? लेकिन गैस? चलाना? हम लोग भूल जायेंगे? क्योंकि वो बोलते नहीं है। वो नमक बोलते हैं? चीनी बोलते है? अदरक लसुन का? जो है? वो बोलते है? कुछ भी। प्याज? डालो? वो? डालो? वेरी? इंस्ट्रक्शन? इस गिवn? ब*? फर्स्ट? लाइट योर? सिलिंडर? और लाइट? योर? गैस? नहीं? बोलते? है? तो वी उस टू? मेक फानललइकदैटदिस? इस जस्ट? फॉर? किडिंग? तो? एवरी? इंस्ट्रक्शन? इस? नोट? गिवन? इन? द? गैटजर्टऔर? सोशल मीडिया? डिस्क्लेमर? है? इट? इस। बेस्ड? जैसे? नहीं? बोलते हैं? कि पीने वालों को? मधु? पीना? मना? है? सेहत के लिए? खराब? है? डिस्क्लेमर? दे? देंगे? पर? फिर हम? फिर भी? हम उसी के? और जायेंगे। वी, गेट? अट्रैक्टेड? बिकॉज? वी? आर? काइंड? फैसिनेटेड? वर्ड्स? ट्रेंडी? सौ? कॉल? ट्रेंडी? जनरेशन? लेकिन 1? है? अगर गैजेट में। मेरा प्वाइंट? 1? ही है? किसी का? मिस्युसमत करो? किसी सोशल मीडिया मीडिया? हो? चाहे गैजेट का प्रयोग करो। चाहे साइंस का। कुछ भी हो। इन्वेंशन मिसयूज करने से, ज्यादा यूज करने से ही वो फायदेमंद नहीं होते हैं। उल्टा? हमारे ऊपर प्रॉब्लम आ जाता है? तो? लिमिटेड जैसे। अभी। 1। सोशल मीडिया में हम डाउनलोड किए हैं? स्वेल की ऐप? तो हम इसी से 1 दूसरे को पहचान रहे हैं? न? आप मेरे को? जानते? हो? न? हम? आपको जानते हैं। पर दूरी? पूरी दुनिया को। हम अभी जानने लगे हैं। बहुत जन फ्रेंड्स हुए हैं। इसमें? अच्छा? लग रहा है? दिल की बातें। जैसे न सामने बैठ के बात कर रहे है? गप्पे? मार रहे हैं? ऐसा? लग रहा है? ऐसा? महसूस हो रहा है? यह 1 अच्छा अनुभव है। पर? रही दूर की बात। सोशल मीडिया? स्वेरेट्रूआपका? पोइटरी? बहुत अच्छा है। it? is? it? will create? awarness? some people? that they should not misuse? it? but utilise? in? in? an? appropriate? we? थैंक? यू? सो? मुच?
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:25
god evening shivani बहुत ही बेहतरीन कविता। 11 शब्द हथौड़े की तरह पढ़ता है। 11। मुद्दा जो आपने उठाया। बहुत जबरदस्त है। बंदाखोंको खोलने वाला जी। बिल्कुल। बुखार चढ़ा है। हम सबके सर पर। सोशल मीडिया का खा रहे हैं? नहा रहे हैं? सो रहे हैं? पका रहे हैं? बात कर रहे हैं? नहीं बात कर रहे हैं। हर चीज। हमको सोशल मीडिया पर डालनी है। अपनी निजी? जिंदगी। हमने उधेड़ कर निकाल कर। सोशल मीडिया के सामने। परोस के रख दी है। और उसमें बहुत आनंद मिल रहा है।
Sheeba ❤❤❤
@sheeba1234 · 1:14
हाई? गुड। ईव्निंग। मैम बहुत ही अच्छी कविता है। इसके जरिए से आपने बिल्कुल एकदम सच बयान किया है। क्योंकि सोशल मीडिया ड**्शन की वजह से बहुत सारे साइकोलॉजिकल डिसॉर्डर्स हो रहे हैं। हम अपने करीबी रिश्तों से भी दूर होते जा रहे हैं। लेकिन मैं यहाँ पर 1 बात कहना चाहूंगी कि यह हमारे ऊपर डिपेंड करता है कि हम सोशल मीडिया को किस तरीके से लेते है? इसके दोनों यूज किए जा सकते हैं नेगेटिव एंड पॉजिटिव? क्योंकि सोशल मीडिया पूरी दुनिया में फैल चुका है? तो इसके बगैर भी नहीं रह सकते।
Anu Sham
@Anu_Budhrani · 0:20
she बोला है। शिवाजी। आजकल टीवी भी क* हो गया। देखना। आँखें खराब हो रही है। और सख्त सर दुखने का काम हो रहा है। सोशल मीडिया और कुछ नए poem है? thank you?
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