कुछ बातें
@Chvi_14
बनते बनते बिगड़ गई हैं।।
खो सा जाऊँ,(पूर्ण)
तुममें खोना!!
फैल रहा।।
भक्त भवशाला।।
खो जाऊं...
तुम चहुं ओर मेरे!!
वो सम्मिलित हैं!!