@Roasting-Host
Mangal Karkhanis
@Roasting-Host · 4:45

Why MADHYA is fixed in my Childhood memories? #mangalsdiary #childhood

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क्यूंकि? हमारी दोस्ती थी? अकबर? बीरबल की। कहानियों से मन भरता? तो? हम गैलरी में पानी डाल के स्विम पुल बनाते हैं। उसमें डूबे रहते है। मगर हम इतने ज्यादा हुआ करते थे। कि कोई भी स्वीमिंग नहीं कर पाता था। यहां। नहाने के बाद। खाना खाने तक धूप, सर पर आ चुकी होती। दोपहर? को? बुआ? कहती? लाख? समझाती? ऐक्चवली? कहती? क्या? सो? जाइए? सो? जाइए? चिल्लम? चिल्ली? मत? करिए। लोगों को परेशानी होगी? फिर भी उनका कोई नहीं सुनता। फिर 11 करके सब लोग दूसरे रूम में चले जाते। और इकट्ठा हो जाते। 1 जगह पर। फिर माध्या के दिमाग से 1 आइडिया। बाहर निकालती। क्या किया जाए? कैसे टाइम को रिलाइज किया जाए? और किस तरीके से टाइम? पास किया जाए? आज की लैंग्वेज में। माध्या कहती। हम बनते हैं?

#Childhood #pune

@Aishani
Aishani Chatterjee
@Aishani · 1:30
हाई? मंगल ये बहुत प्यारी चाइल्ड। मेमरी आपने शेयर किया है। और मुझे भी। याद है कि जब मैं छोटी थी। और समर वेकेशंस में अपने नानी के घर जाती थी। सभी कजंस ऐसे 12 वीक्स होते थे? जब सारे कजंस 1 साथ होते थे? वहां। और कभी घर घर खेला जाता था? तो कभी ऐसे ऐसा कोई खेल कि कोई राजा बन रहा है? कोई रानी बन रही है? और कोई सिपाई। और हमारे बीच में रोज हुआ करते थे। कभी मैं रानी बनती थी?
@Roasting-Host
Mangal Karkhanis
@Roasting-Host · 4:53
हम सोच नहीं सकते थे। उस समय की। कोई 1 ऐप? होगा यूएस का? जिस पर। हम ये ऐक्चवली? हम कास्टिंग कर रहे? पोडकास्टिंग कर रहे होंगे? या स्वेल कास्टिंग कर रहे हों? ये हम नहीं सोच सकते थे। यह। इन बच्चों के हाथ में। इनबिल्ट सारी चीजें हैं? तो फर्क है? शायद। मैं ठीक से समझा नहीं पा रही हूँ?
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