Rajasthani Thali at Gwalior
hello god vnin dosto ke se me todas as oficial do gali हुआ हूँ आज galer a इन फैक्ट जहाँ पर आज मैं गया भी था वहाँ पर उनकी बहन उनका जो किला था उनका जो प्रॉपर्टी है वहाँ पर होटल बना हुआ था तो वहाँ मेरा जाना हुआ और मुझे लगा की यहाँ पर जब मैं आया हूँ इस राजसी जगह पे इस फेमस जगह पर सो क्यों न यहाँ कहीं खाना खाया जाए और थोड़ा सा 1 अलग लीग से हट के खाना खाया जाए सो मैंने टेस्ट किया आज 1 रजवाड़ी थाली और बिलीव मी वो जो थोड़ा थोड़ा टेस्ट मुझे थाली में मिला आप देख सकते हैं मैंने 1 पिक्चर खींचने की कोशिश की है बिलीव की शायद आप भी जो मैंने टेस्ट किया न शायद वो आप भी टेस्ट कर पाते है क्योंकि जिस तरीके से वो गट्टे की सब्जी जो की बनती है बेसन से उसका जो स्वाद आ रहा था दरदरा पन मेरे मुँह में जा रहा था रोटी के साथ हल्का सा देसी मक्खन रोटी पे और उसके साथ हल्की सी मिठास थी दाल की और वो कुरकुरे पापड़ बाद में जो आये और उसी के साथ जो मेल था सब्जियों का वो कुछ अलग ही था मतलब मुझे भी फील हुआ की शायद मैं भी राजाओं के खानदान से हूँ और इतना अच्छा टेस्ट था जो रेट है वो भी बहुत ही वाजिब था और मेरे हिसाब से वन सीना वाइल इस तरीके से जो खाना ही ट्राई करते रहना चाहिए काफी बार मैं देखता हूँ लोग मेरे काफी कजंस है जो एन आर आय है बाहर रह रहे हैं हम लोग कुछ ज्यादा ही थोड़ा बर्गर पीजा और बाकी टेस्ट में इतना घुल मिल गये हैं कि जो अपने खुद भारत के जो टेस्ट है भारत से आप चाहे तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक चले जाइए आप कोलकाता से लेके आप यहाँ गुजरात तक चले जाइए इतने टेस्ट है हर 10 से 20 किलोमीटर पर टेस्ट बदल जाता है भाषा का लहजा बदल जाता है और वो जो मसाले हैं यहाँ के मसाले यू पी के मसालों से बिल्कुल थोड़े भिन्न है 1 सटलनेस है 1 तरीके की मिर्ची खाई जाती है हमारे यहाँ पर कश्मीरी मिर्च का बहुत यूज होता है यहाँ पर खडी मिर्चों का काफी यूज है क्योंकि राजस्थान का 1 टच आ जाता है पास में यह ज्यादा दूर नहीं है सो मुझे तो बहुत मजा आया मुझे लगा कि आज ये चीज मैं शेयर करूंगा मेरे पास 1 और भी काफी क**ेंट है शेयर करने के लिए जो कि मैं आप लोग सबके साथ साझा कर लूंगा क्योंकि मेरा मेन मकसद यहाँ पर यही था कि क्योंकि मेरा फील्ड ऑफ वर्क किस तरीके से है ग अ चांस तो विजिट फ्रेंट प्लेसेज मुझे लगा की इसका क्यूँ न 1 छोटा सा फायदा उठाया जाए आप सभी को मैं दिखा सकूँ देखिये कहाँ कहाँ गलियों में क्या मिल जाता है तो जरा घर से बाहर निकालिए थोड़ा गलियों में जाइए माल को छोड़ के और ढूंढिए उन गलियों को देखिये मैं कोई फूड ब्लॉगर नहीं हूँ क्यूंकि मुझे फूड ब्लॉगर का कॉन्सेप्ट ही नहीं समझ में आता उल्टी सीधी चीजें बनवा देना आजकल आप जानते हैं क्या ही हो रहा है मैं सभी को नहीं बोल रहा मैं जनरलाइज नहीं कर रहा पर मेरे खयाल से व्यूज के चक्कर में उन सब चक्करों में बहुत ज्यादा पॉल्यूटेड हो हो गया गया है इतना सारा मक्खन डाल दे पर वो जो ओथेंटिसिटी है न कहीं न कहीं मुझे लगता है खत्म है खत्म हो गयी है पर जो अभी भी कुछ गलियाँ है पुराने शहरों की पुरानी गलियों में जो मेरा मान मैं अक्सर कहता हूँ अपने स्वर में घर से बाहर निकालिए उठिये पुरानी गलियों में जाइए उन गलियों में जा के वो चाय की पहली के साथ चुस्कियां लेते हुए पूछिए की भई यहाँ पर पुरानी दुकान कौन सी है और उस पुरानी दुकान में जरूर जाके साय का टेस्ट करिए थैंक यू।
nayan tara
@nayantara · 2:02
तो? हाल कुछ है? कि मुंह में पानी आ रहा है। और आपकी तस्वीर आंखों के सामने नाच रही है? sbi? डिफ्रेंट। चटनी के साथ? सजी हुई। थाली। मुझे। तो खुशबुएं भी आनी शुरू हो गई। आपने? 20 जनवरी को स्वर डाला है। और आज तारीख शायद। twenty? तो मन कर रहा है? गोली? और जाएं? हालांकि राज्य सारी, सारी? हर जगह मिलती है। तो? लेकिन सुबह? सुबह? इतनी? बेहतरीन? सवाल? को? सुनना? वो भी मतलब। खाने को। पर के खाने की खुशबुएं आ जाती है। ये अपने भारतीय खाने विशेषता है? स्पेशिलिटी है कि कोई भी फूड? मतलब? मैं, इंडियन, फूड की बात करूं? जो अपील करता है। चाहे वो पंजाबी हो, चाहे राजस्थान हो? चाहे गुजराती हो। भारतीय खारी की बात। अलग है। ये। बस? आपको चाइनीज में। इनफैक्ट? मैं? मेरी बात करूं। बाकी। लोगों का।
तो वहाँ जाइए वहाँ पर खाइए। बेसिकली? ज्यादा स्ट्रा में। सब से ही है। सो मेरे खयाल से। जहाँ तक मैं अपने बोल के जरिए वो जो पहुँचाना चाह रहा था। मैसेज मेरे खयाल से आपने बिल्कुल सही जगह पर उसे पकड़ लिया है। और अगर वो स्वाद आपको बिना खिलाए बिना मिले। अगर वो चीज आपके जहन तक लेकर गया हूँ। सो? मैं कहूंगा मैं कामयाब रहा? और मुझे बहुत खुशी हो रही है की ये भी 1 स्किल है छोटी सी हमारे अंदर जो उपर वाले और इसको में जारी रखूंगा आगे भी।
nayan tara
@nayantara · 3:26
और मैं आपका इंटरव्यू सुन रही थी अच्छा लगा आपको भी वक्त मिले मेरा इंटरव्यू सुनिएगा तो जिंदगी हमें व्यस्त करने के लिए तैयार बैठी है मजा तब है कि हम उसमें से कुछ लंबे चुरा ले अपने लिए है जहां पर हम अपने शौक पूरे करते हैं। और मेरी भी ख्वाहिश थी कि मुझे भी ये स्वर कास्ट का प्लेटफार्म यह एप्लीकेशन पसंद आई जिन्होंने भी बनाया ऐप बनाया। 1 अच्छी चीज है? अच्छी पहल है। उन्होंने इस चीज को किया कि दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बहुत अलग तरीके की है।